राशनकार्ड पोर्टेबिलिटी की सुविधा के तहत कोई भी उपभोक्ता अपने राशनकार्ड पर अपनी दुकान के अतिरिक्त भी किसी दुकान से प्राप्त कर सकता है अपना राशन

राशनकार्ड पोर्टेबिलिटी की सुविधा प्राप्त करने के लिए उपभोक्ता का राशनकार्ड आधारसीडेड होना आवश्यक
 
दूसरे राज्यों के 3749 राशन कार्डधारकों ने लिया उत्तर प्रदेश से पोर्टेबिलिटी की सुविधा का लाभ
 
उत्तर प्रदेश के 7431 राशन कार्डधारकों ने प्राप्त किया भारत के अन्य राज्यों से पोर्टेबिलिटी सुविधा का लाभ
लखनऊः  13 फरवरी, 2021
 
      खाद्य एवं रसद अपर आयुक्त, श्री अनिल कुमार दुबे ने बताया कि उपभोक्ताओं की सुविधाओं में वृद्धि करते हुए राशनकार्ड पोर्टेबिलिटी की सुविधा विभाग द्वारा उपलब्ध करायी गयी है। इस सुविधा के तहत उपभोक्ता अपने राशनकार्ड पर अपनी दुकान के अतिरिक्त भी किसी दुकान से अपना राशन प्राप्त कर सकता है, बशर्ते उसका राशनकार्ड आधारसीडेड हो। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में अन्य राज्यों (जिनके द्वारा वन नेशन वन राशनकार्ड व्यवस्था अपनायी गयी है) के राशनकार्ड धारक भी उत्तर प्रदेश से राशन प्राप्त कर सकते है और उत्तर प्रदेश का राशन कार्डधारक इन प्रदेशों में से किसी प्रदेश में भी राशन प्राप्त कर सकता है।
      अपर आयुक्त ने बताया कि उत्तर प्रदेश में एक जिले के अन्तर्गत ही राशनकार्ड पोर्टेबिलिटी की सुविधा अगस्त, 2019 में प्रारम्भ की गयी, जिसका लाभ जनवरी, 2021 तक 01 करोड़ 15 लाख 61 हजार से भी अधिक राशन कार्डधारक प्राप्त कर चुके है। जनवरी, 2020 से प्रदेश के एक जिले से दूसरे जिले की राशनकार्ड पोर्टेबिलिटी प्रारम्भ की गयी, जिसका लाभ जनवरी, 2021 तक 8 लाख 01 हजार 768 राशन कार्डधारक प्राप्त कर चुके है।
      श्री दुबे ने बताया कि राष्ट्रीय राशनकार्ड पोर्टेबिलिटी की सुविधा उत्तर प्रदेश में मई, 2020 से प्रारम्भ की गयी, जिसके अन्तर्गत दूसरे राज्यों के 3749 राशन कार्डधारकों द्वारा इस सुविधा का लाभ उत्तर प्रदेश से प्राप्त किया गया। इसी प्रकार उत्तर प्रदेश के 7431 राशन कार्डधारकों द्वारा जनवरी, 2021 तक भारत के अन्य राज्यों, जिनके द्वारा वन नेशन वन राशनकार्ड व्यवस्था को अंगीकृत किया गया है, से पोर्टेबिलिटी सुविधा का लाभ प्राप्त किया गया।
      उन्होंने बताया कि पोर्टेबिलिटी सुविधा के कारण एक तरफ तो उपभोक्ता अपनी सुविधानुसार किसी उचित दर दुकान से खाद्यान्न प्राप्त कर सकता है, दूसरी तरफ उचित दर विक्रेताओं के कार्य एवं व्यवहार में भी सुधार का दबाव, इस सुविधा के कारण पडा़ है और इस प्रकार सम्पूर्ण व्यवस्था उपभोक्ता केन्द्रित (ब्वदेनउमत वतपमदजमक )  होने के साथ ही वितरण व्यवस्था पारदर्शी हुई है

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