मिर्जापुर। जिले में अब कम उपज वाले छोटे और मंझोले किसानों से धान की खरीद करने की योजना बनाई गई है। ऐसे किसानों से पांच से 15 फरवरी तक धान की खरीद की जाएगी।
पंजीकरण कराने के बाद भी धान नहीं बेच पाने वाले किसानों को चिह्नित किया जा रहा है। कई जगह केंद्र बंद हो गए तो कहीं कोई और समस्या आ गई। नतीजा यह रहा कि वे अपने धान की बिक्री नहीं कर सके। ऐसे किसानों को जिला खाद्य एवं विपणन विभाग ने चिह्नित किया है। जिले में ऐसे लगभग तीन सौ किसान हैं जिन्होंने धान नहीं बेचा है। इन किसानों को चिह्नित कर उन्हें मेसेज भेजकर तय तिथि को केंद्र पर धान लाने के लिए कहा जा रहा है। इससे किसानों को कई दिन इंतजार नहीं करना होगा और उनकी उपज भी बिक जाएगी। अबतक जिन किसानों के पास 20 से 40 क्विंटल धान होता था, वे क्रय केंद्र पर नहीं जाते थेे क्योंकि सैकड़ों क्विंटल के आगे उनकी कोई गिनती ही नहीं होती थी। लेकिन इस बार तस्वीर बदली है, छोटे किसानों को प्राथमिकता दी जा रही है और अधिक उपज वालों का धान कई बार में खरीदा जा रहा है। इससे छोटे किसानों को लाभ हुआ है।
पंजीकरण कराने के बाद भी धान नहीं बेच पाने वाले किसानों को चिह्नित किया जा रहा है। कई जगह केंद्र बंद हो गए तो कहीं कोई और समस्या आ गई। नतीजा यह रहा कि वे अपने धान की बिक्री नहीं कर सके। ऐसे किसानों को जिला खाद्य एवं विपणन विभाग ने चिह्नित किया है। जिले में ऐसे लगभग तीन सौ किसान हैं जिन्होंने धान नहीं बेचा है। इन किसानों को चिह्नित कर उन्हें मेसेज भेजकर तय तिथि को केंद्र पर धान लाने के लिए कहा जा रहा है। इससे किसानों को कई दिन इंतजार नहीं करना होगा और उनकी उपज भी बिक जाएगी। अबतक जिन किसानों के पास 20 से 40 क्विंटल धान होता था, वे क्रय केंद्र पर नहीं जाते थेे क्योंकि सैकड़ों क्विंटल के आगे उनकी कोई गिनती ही नहीं होती थी। लेकिन इस बार तस्वीर बदली है, छोटे किसानों को प्राथमिकता दी जा रही है और अधिक उपज वालों का धान कई बार में खरीदा जा रहा है। इससे छोटे किसानों को लाभ हुआ है।
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