वैक्सीन को लेकर फैलाई जा रही भ्रांतियों को दूर करने के नैतिक दायित्व का पालन करते हुए काशी घाट वॉक ने रविवार को तीसरी वर्षगांठ का मानस उत्सव मनाया। वैक्सिनेशन के प्रति जागरूकता के लिए कोविड वैक्सीन की शीशी और सीरींज की अनुकृतियां प्रदर्शित की गईं।

देसी वैक्सीन के प्रति विश्वास बढ़ाने के लिए उत्सव के पांचों पड़ावों पर मुख्य आयोजन के साथ ही वैक्सीन की विश्वसनीयता पर चर्चा हुई। रीवा घाट पर शुरुआत कविता पाठ से हुई। बीएचयू के प्रो. विशिष्ठ अनूप, ओम धीरज, प्रो. सरफराज आलम, डॉ. रचना शर्मा ने डॉ. अमरजीत राम के संयोजन में काव्यपाठ किया। दूसरे पड़ाव मानसरोवर घाट पर सम्मान समारोह में प्रो. अंजली रानी, प्रो. विधि नागर, डॉ. उर्वशी गहलोत का सम्मान किया गया। संयोजन डॉ. शारदा सिंह ने किया। तीसरे पड़ाव सिंधिया घाट पर सीआरपीएफ कमांडेंट राम लखन के मुख्य आतिथ्य में कथक लोकनृत्य की प्रेरक प्रस्तुति डॉ. अष्टभुजा मिश्र के निर्देशन में हुई। चौथे पड़ाव सक्का घाट पर ‘कोरोना काल : जीवन और स्वास्थ्य विषय पर परिचर्चा प्रो. श्रीप्रकाश शुक्ल के संयोजन में हुई। इस सत्र में वैक्सीन की खोज के लिए देश के वैज्ञानिकों को सलामी दी गई। पांचवें पड़ाव भैसासुर घाट पहुंच कर उत्सव शृंखला ने ‘अनुभव और उम्मीद विषयक संवाद के साथ विराम लिया। अतिथि स्वरूप प्रो. अरविंद जोशी, अरुण कुमार श्रीवास्तव, डॉ. मनीष अरोड़ा, मिथिलेश साहनी ‘बच्चा ने उपस्थित दर्ज कराई। डॉ. विजयनाथ मिश्र की अध्यक्षता में हुए समापन सत्र का संचालन जितेंद्र कुशवाहा ने किया।

Post a Comment

If you have any doubts, please let me know

और नया पुराने