जौनपुर। जिला प्रशासन के रडार पर जिला पंचायत आ गया है। सीडीओ ने पहले विभाग के अधिकारियों के साथ बैैठक करके खामियों में सुधार लाने का प्रयास किया उसके ठेकेदारो के साथ बैठक करके उनकी समस्याओं की जानकारी लिया। जांच पड़ताल में 28 दिसम्बर 2020 को की गई ई टेण्डर को निरस्त करने का आदेश दिया। आका का हुक्म मिलते ही  अपर मुख्य अधिकारी ने 70 कार्यो का टेण्डर निरस्त कर दिया है। यह आदेश मिलते ही विभाग के अधिकारियों व ठेकेदारो में हड़कंप मच गया है। 

कमीशनखोरी के बदलौत टेण्डर मैनेजमेंट करने के मामले में हमेशा से चर्चा में रहने वाला जिला पंचायत पर इन दिनों संकट के बादल मडरा रहा है। जिला पंचायत के अध्यक्ष का कार्यकाल का समाप्त होने के बाद इस विभाग के जिलाधिकारी प्रशासन है। एक फरवरी को सुबह करीब साढ़े दस बजे डीएम मनीष कुमार वर्मा ने जिला पंचायत का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण में अपर मुख्य अधिकारी समेत आधा दर्जन कर्मचारी लापता मिले, इसके अलावा विभाग में कई खामियां पायी गयी थी। डीएम ने अनुपस्थित सभी कर्मचारियों से स्पष्टीकरण मांगा था। उसके बाद से ही जिला पंचायत पर डीएम,सीडीओं की नजर पड़ गयी। सीडीओं अनुपम शुक्ला ने कई चक्र अधिकारियों के साथ बैठक करके इस विभाग से भष्टाचार दूर करके गुणवक्तायुक्त विकास का कार्य करने का आदेश दिया। तीन दिन पूर्व सीडीओ ने विभाग के अधिकारियों व ठेकेदारो की संयुक्त बैठक किया। बैठक में ठेकेदारो ने अपनी समस्या तो बतायी ही साथ विभाग की लूकपोल भी सीडीओ दिया। सीडीओं ने जांच पड़ताल में पाया कि अधिकारियों ने अपने चहेते ठेकेदारो को लाभ पहुंचाने के लिए 28 दिसम्बर 2020 को अनियमित तरीके से 70 कार्यो की ई टेण्डरिंग कराया गया है। सीडीओ ने कड़ा रूख अखितियार करते हुए गुरूवार को सभी टेण्डरो को निरस्त करने का आदेश दिया। आज यह पत्र मिलते ही अपर मुख्य अधिकारी ने सभी टेण्डर को निरस्त कर दिया। 

सूत्रो से खबर मिली है इसी के साथ ही करीब दो करोड़ रूपये का आफ लाइन टेण्डर कराया गया था। इन कार्यो में भी अपने चहेते ठेकेदारो को लाभ पहुंचाया गया है। इस पर भी सीडीओं द्वारा जांच पड़ताल किया जा रहा है। जल्द ही ये टेण्डर निरस्त होगें साथ ही जिम्मेदार अधिकारियों पर प्रशासन का डण्डा भी चलेगा। 

चीफ ब्यूरो अमित कुमार श्रीवास्तव जौनपुर

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