कहते हैं, पढ़ने और सीखने की कोई उम्र नहीं होती है। ज्ञान और सीख कहीं से, कभी भी प्राप्त की जा सकती है। इसे चरितार्थ किया है बिजली विभाग के पूर्व इंजीनियर सुरेन्द्र प्रसाद त्रिपाठी ने। 64 वर्ष की उम्र में उन्होंने महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के एलएलबी पाठ्यक्रम में प्रवेश लिया। नियमित क्लास करते हुए उन्होंने न सिर्फ तीन वर्षीय पाठ्यक्रम पूरा किया बल्कि सर्वोच्च अंक प्राप्त करते हुए स्वर्ण पदक के भी हकदार बन गए। एलएलबी के टॉप टेन विद्यार्थियों की भी सूची में एसपी त्रिपाठी पहले नंबर पर हैं। विद्यापीठ में दो मार्च को होने जा रहे दीक्षांत समारोह में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल 68 वर्षीय ‘विधि स्नातक को स्वर्ण पदक प्रदान करेंगी।

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