अंबेडकर नगर, 2 फरवरी। एक पखवाड़े के अंदर हुए कई दुर्घटनाओं में चार लोगों की मौत से पुलिस चौकी लहटोरवा के पूर्व एवं पश्चिम हाईवे के दो किलोमीटर क्षेत्र की पहचान दुर्घटना बहुल क्षेत्र के रूप में बन गई है। वहीं यातायात नियमों की अनदेखी करना भी दुर्घटना का मुख्य कारण बताया जा रहा है। पुलिस चौकी लहटोरवा क्षेत्र के शुकुल बाजार बाईपास का तेंदुआ मोड़ एवं कौड़ाही नहर के पुल के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 233 पर आए दिन दुर्घटनाओं के होने का सिलसिला बदसूरत जारी है।एक पखवाड़े के अंदर हुई दुर्घटनाओं में अब तक 4 लोग अपनी जान गवा बैठे हैं जबकि दो अबोध बच्चों समेत एक युवक का इलाज अभी भी अस्पताल में चल रहा है। अगर हम विगत 18 जनवरी से इस क्षेत्र में होने वाली दुर्घटनाओं पर नजर दौड़ाएं तो इस क्षेत्र में दुर्घटनाओं को लेकर स्थित भयवाह है। बीते 18 जनवरी को बसखारी थाना क्षेत्र के बुकिया ग्राम सभा निवासी कृष्ण कुमार अपनी पत्नी रेखा व दो बच्चों के साथ बाइक से गोविंद साहब मेला देखने जा रहे थे । इसी बीच पीछे से आ रही एक तेज रफ्तार बोलेरो ने उनकी बाइक में टक्कर मार दिया जिसमे पति पत्नी की मौत हो गई जबकि दोनों बच्चों का इलाज अभी भी अस्पताल में चल रहा है। इस परिवार की स्थित आर्थिक रूप से इतनी नाजुक हैं कि बच्चों के इलाज के लिए भी परिवार में मौजूद एकमात्र मृतक की बूढ़ी एवं विधवा मां शासन प्रशासन एवं स्थानीय लोगों पर हसरत भरी निगाहों से देख रही है। हालांकि स्थानीय लोग इस परिवार की मदद भी आर्थिक रूप से थोड़ी बहुत कर रहे हैं लेकिन शासन एवं प्रशासन कानूनी एवं कागजो के दांवपेच में अभी भी उलझा हुआ है। 19 जनवरी को बाइक से आ रहे दो युवक तेज रफ्तार से जा रही एक ट्रैक्टर की चपेट में आ गए और गंभीर रूप से घायल हो गए जिसमें एक युवक दीपक कुमार पुत्र मिट्ठू निषाद की अस्पताल ले जाते समय मौत हो गई। अजय कुमार पुत्र रामचरन निवासी भिदूण का इलाज अभी भी चल रहा है। 23 जनवरी की रात में गन्ना लदी ट्रैक्टर ट्राली की भिड़ंत एक ट्रक में हो गई। हांलकि इस दुर्घटना में ट्रक व ट्रैक्टर चालक बाल-बाल बच गए जबकि ट्रैक्टर का आगे का हिस्सा पूरी तरीके से क्षतिग्रस्त हो गया। भुसे की तरह बकरियों को लाद कर ले जा रहा एक पिकअप भी तेज रफ्तार का शिकार होते हुए दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हालांकि यह दुर्घटना इन स्थानों से एक किलोमीटर पहले हाईवे पर अहिरुपुर मोड़ के निकट हुई जिसमें कोई हताहत तो नहीं हुआ लेकिन दुर्घटनाओं की फेहरिस्त में यह दुर्घटना भी दर्ज हो गई। बीते एक फरवरी को राम अवध स्मारक महाविद्यालय कसदहा शुकुल बाजार से पढ़ कर साइकिल से वापिस घर जा रही एक छात्रा भी हाईवे पर आ रहे एक तेज रफ्तार ट्रेलर की चपेट में आ गई और उसकी घटनास्थल पर ही दर्दनाक मौत हो गई। 15 दिनों के अंदर हुई दुर्घटनाओं में पति-पत्नी, एक युवक, महाविद्यालय में पढ़ने वाली एक छात्रा समेत अब तक 4 लोग अपनी जान गवा बैठे हैं। जबकि दो अबोध बच्चों समेत एक युवक का भी भी इलाज जारी है।इससे पहले भी हुई कई दुर्घटनाओं में कई लोगों की जान जा चुकी है।ऐसा नहीं है कि जब हाईवे नहीं बना था तो दुर्घटनाएं नहीं होती थी। तब भी दुर्घटनाएं होती थी लेकिन जब से राष्ट्रीय राजमार्ग 233 हाईवे का निर्माण हुआ है तब से इस पर दुर्घटनाओं की बाढ़ सी आ गई है। कई लोग इस हाइवे पर चलने वाले तेज रफ्तार वाहनों की गति का शिकार होते हुए अपनी जान गवा बैठे हैं। दुर्घटनाओं का कारण लोगों के द्वारा यातायात नियमों का पालन ना करना एवं लोगों में यातायात जागरूकता की कमी भी बताया जा रहा है।

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