20 साल जेल में बिताने के बाद दुराचार का आरोपी निर्दोष करार,
हाईकोर्ट ने जेल से रिहा करने का दिया आदेश,
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार पर की तल्ख टिप्पणी,
कहा आजीवन कारावास भुगत रहे कैदियों की 14 साल बाद रिहाई पर विचार न करना दुर्भाग्यपूर्ण,
14 साल से जेल मे बंद कैदियों की रिहाई कानून पर अमल करने का दिया निर्देश,
कोर्ट ने कहा ऐसी अपीलों की सुनवाई के उठाये जाये कदम,
ललितपुर के विष्णु की जेल अपील को स्वीकार करते हुए दिया आदेश,
16 वर्षीय विष्णु पर 16 सितंबर 2000 को रेप का लगा था आरोप,
घर से खेत जा रही अनुसूचित जाति की महिला को झाड़ी मे खींचकर दुराचार करने का था आरोप,
सीओ ने विवेचना की और चार्जशीट दाखिल की,
जिला कोर्ट ने दुराचार के आरोप में 10 साल व एस सी एस टी एक्ट के अपराध में आजीवन कारावास की सजा सुनाई,
आरोपी सन 2000 से ही जेल में बंद है,
जेल अपील डिटेक्टिव दाखिल की गयी,
20साल जेल मे बंद होने के आधार पर शीघ्र सुनवाई की अर्जी पर कोर्ट ने लिया संज्ञान,
कोर्ट ने देखा कि रेप का आरोप साबित ही नहीं हुआ,
मेडिकल रिपोर्ट में जबरदस्ती करने के कोई साक्ष्य नहीं थे,
पीड़िता 5 माह से गर्भवती थी ऐसे कोई निशान नहीं थे जिससे यह कहा जाये कि जबरदस्ती की गयी,
रिपोर्ट भी पति व ससुर ने घटना के तीन दिन बाद लिखायी थी,
जस्टिस डा जे के ठाकर और जस्टिस गौतम चौधरी की खंडपीठ ने दिया आदेश।
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