अंबेडकरनगर। करीब तीन वर्ष पूर्व नाबालिग बालिका से गैंगरेप के मामले में विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट ने 20 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। दोषी पर अलग-अलग धाराओं में 52 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया गया है। आदेश में कहा गया है कि जुर्माने की रकम न अदा की गई तो दोषी को दो वर्ष के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। इसके अलावा दोनों अन्य नाबालिग दोषियों को पहले ही बाल सुधार गृह भेजा जा चुका है।
बताते चलें कि वर्ष 2017 में जैतपुर थाना क्षेत्र के एक व्यक्ति ने तीन लोगों पर कक्षा में पढ़ने वाली पुत्री के साथ गैंगरेप का आरोप लगाया था। कहा था कि उसकी पुत्री पढ़कर घर वापस आ रही थी। इसी बीच रास्ते में कन्हैया सिंह व दो अन्य ने पकड़ लिया और उसके साथ बारी-बारी से दुष्कर्म किया। बाद में किसी तरह उसकी पुत्री घर पहुंची और घटना की जानकारी दी। इसके बाद परिजन उसे लेकर थाने गए। पुलिस ने मामले में केस दर्ज कर छानबीन शुरू की। जांच के दौरान पता चला कि दो आरोपी नाबालिग हैं।मामला सत्र परीक्षण के लिए अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट वीरेंद्र कुमार के समक्ष पेश हुआ। विशेष न्यायाधीश ने मामले में कन्हैया सिंह को दोषी पाया और उसे 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई। साथ ही अलग-अलग धाराओं में कुल 52 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया। आदेश में कहा गया कि यदि जुर्माने की रकम न अदा की गई तो दोषी को दो वर्ष अतिरिक्त कठोर कारावास की सजा भुगतनी होगी। इस घटना के दो अन्य दोषियों के नाबालिग होने के चलते उन्हें बाल सुधार गृह भेज दिया गया है।
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