शल्य चिकित्सा हेतु 2 करोड़ 17 लाख 60 हजार रुपये की वित्तीय स्वीकृत
निर्धन एवं असहाय दिव्यांग व्यक्तियों को निःशक्तता निवारण हेतु शल्य चिकित्सा के लिये  दिया जाता है अनुदान
आवेदन पत्र का प्रारूप दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग की
वेबसाइट पर उपलब्ध
लखनऊ, दिनांक 20 फरवरी, 2021
प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में उ0प्र0 के निर्धन एवं असहाय दिव्यांग व्यक्तियों की दिव्यांगता निवारण के लिये शल्य चिकित्सा हेतु 2 करोड़ 17 लाख 60 हजार रुपये की वित्तीय स्वीकृति प्रदान कर दी है। दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग द्वारा जारी शासनादेश के अनुसार शल्य चिकित्सा अनुदान योजनान्तर्गत कॉक्लियर इम्प्लान्ट एवं करेक्टिव सर्जरी के लिये कुल रुपये 217.60 लाख (रू0 दो करोड़ सत्रह लाख साठ हजार मात्र) की धनराशि व्यय किये जाने हेतु स्वीकृति  शर्तों के अधीन प्रदान की गई  हैं।
निर्धन एवं असहाय दिव्यांग व्यक्तियों को निःशक्तता निवारण हेतु शल्य चिकित्सा के लिये अनुदान दिया जाता है। इसके तहत विभिन्न प्रकार की निःशक्तताओं को यथा सम्भव कम करने के लिये आवश्यक करेक्टिव सर्जरी कराके दिव्यांगजन को सामान्य जीवन जीने लायक बनाया जाता है। शल्य चिकित्सा हेतु एक वर्ष में अधिकतम रुपये 10,000/- प्रति व्यक्ति की सीमा तक इलाज के खर्च की भरपाई के लिये धनराशि संबंधित राजकीय चिकित्सालय को लाभार्थी की चिकित्सा के लिये प्रदान की जाती है। ऐसे दिव्यांग जन जिनका तथा जिनके अभिभावकों की वार्षिक आय रू0 6000/- से अधिक न हो। भारत वर्ष का नागरिक हो। उत्तर प्रदेश का स्थाई निवासी अथवा कम से कम 05 वर्ष से उत्तर प्रदेश का अधिवासी हो। किसी अपराधिक मामले में दण्डित न किया गया हो। वे इस योजना के पात्र होते है। योजना का लाभ पाने के लिए संबंधित जनपद के जिला दिव्यांग कल्याण अधिकारी कार्यालय एवं निदेशालय दिव्यांग कल्याण, उत्तर प्रदेश से आवेदन पत्र प्राप्त किया जा सकता है। निर्धारित आवेदन पत्र का प्रारूप दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग की विभागीय वेबसाइट नचीूकण्हवअण्पद पर उपलब्ध है।

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