यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 15 मार्च तक कोरोना के दो नए टीके बाजार में आ सकते हैं। इसके साथ ही भारत दुनिया का पहला ऐसा देश होगा जिसने कोरोना की चार वैक्सीन दुनिया को दी। मुख्यमंत्री गुरुवार को विधान परिषद में राज्यपाल के अभिभाषण पर सदन को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि कोरोना जैसी महामारी से जहां विश्व की बड़ी-बड़ी अर्थव्यवस्थाएं ध्वस्त हो गईं। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने कोरोना के खिलाफ प्रभावशाली ढंग से लड़ाई लड़ी। भारत दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है जिसने कोरोना की दो वैक्सीन दी है। जब कोरोना के मामले आना शुरू हुए तो उत्तर प्रदेश में टेस्ट करने क्षमता नहीं थी लेकिन आज यह स्थिति है कि यूपी के पास हर रोज दो लाख टेस्ट करने की क्षमता है। हर जिले में आईसीयू और वेंटिलेटर की व्यवस्था की है। आज के जो आकड़े हैं उसके अनुसार, प्रदेश में सिर्फ 2000 कोरोना संक्रमित मरीज हैं।
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन लगने के बाद बड़ी संख्या में लोगों ने पलायन किया। दिल्ली से लाखों मजदूर यूपी आना शुरू हुए। हमने सबको भोजन और साधन मुहैया करवाया। यह सबकुछ हमने बिना किसी की जाति या धर्म देखे किया। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने हमें ये संस्कार दिया था और कहा था कि आदमी न तो बड़ा होता है न छोटा होता है आदमी सिर्फ आदमी होता है।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि यूपी के हर नागरिक को सरकार के कोरोना प्रबंधन पर गर्व होना चाहिए। हमारे प्रबंधन की सराहना विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी की। उन्होंने कहा कि मौत एक भी हो कष्टदायी है लेकिन हमें कोरोना वॉरियर्स की कोशिशों का अपमान नहीं करना चाहिए।
यूपी के मुख्यमंत्री योगी ने राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के अभिभाषण के दौरान हंगामा करने पर विपक्ष के नेताओं को आड़े हाथों लिया। उन्होंने सपा की तरफ इशारा करते हुए कहा कि उनका तो इतिहास महिलाओं को अपमानित करने वाला रहा है। इन लोगों को कम से कम सदन में तो गरिमा बनाए रखना चाहिए। उन्होंने विपक्ष के रवैये की आलोचना करते हुए तल्ख टिप्पणियां कीं और कहा कि यही वजह है कि नेता जैसा सम्मानजनक शब्द अब अपमानजनक लगने लगा है। उन्होंंने कहा कि अच्छी चीजों को स्वीकारा जाता है और बुरी चीजों को छोड़ा जाता है, लेकिन यहां पर उल्टा देखने को मिलता है। बुरी चीजों को परिपाटी मानकर और भी बुरा कैसे किया जाए, इसकी प्रतिस्पर्धा की जाती है। यह लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत नहीं है। इससे हमारे नेता और कार्यकर्ता विश्वसनीयता के संकट से गुजरते हैं। इसीलिए लोग उन्हें संदेह की नजरों से देखते हैं।इस दौरान विपक्ष में बैठे नेता विरोधी दल अहमद हसन के बारे में मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि आप तो पुलिस विभाग में रह चुके हैं। मैं पूरे विश्वास से कहता हूं कि अगर आप आज पुलिस में होते तो आपका डंडा सपा के लोगों पर ही सबसे पहले चलता। पता नहीं अब उनके साथ कैसे बैठे हैं। योगी ने कहा कि आप अच्छे व्यक्ति हैं पर गलत दल में हैं। जिस पर मुख्यमंत्री योगी के भाषण के बीच में ही अहमद हसन ने कहा कि मैं बिल्कुल सही दल में और सही जगह पर बैठा हूं।उसी प्रकार का डोज भी मैं समय-समय पर देता हूं'
इस दौरान किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य देने का जिक्र आने पर विपक्षी सदस्यों की आपत्ति पर मुख्यमंत्री ने उन्हें बात सुनने की नसीहत दी और कहा, 'मैं जानता हूं कि आप लोग किस प्रकार की भाषा सुनते हैं। उसी प्रकार का डोज भी मैं समय-समय पर देता हूं।'
इसपर सपा सदस्य नरेश उत्तम ने आपत्ति करते हुए कहा, 'मुख्यमंत्री बार-बार ठीक कर दूंगा, डोज़ दे दूंगा की बात करते हैं। मुख्यमंत्री खुद योगी हैं। उन्हें इस तरह की भाषा नहीं बोलनी चाहिए।'इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री और सपा सदस्यों के बीच काफी तीखी नोकझोंक हो गई। योगी ने सपा सदस्यों को शिष्टाचार सीखने की नसीहत दी और कहा, 'जो जिस भाषा को समझेगा, उसे उसी भाषा में जवाब दिया जाएगा।'कोरोना काल में हुआ राम मंदिर का शिलान्यास, 500 साल बाद आया ये मौका
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोराना काल में 5 अगस्त को अयोध्या में प्रधानमंत्री मोदी ने श्रीराम मंदिर का शिलान्यास किया। यह गौरव का विषय है। 500 साल के बाद यह गौरवशाली क्षण आया है जब राम मंदिर का निर्माण अयोध्या में हो रहा है। उन्होंने कहा कि मुझे आश्चर्य है कि कुछ लोगों को राम के नाम से विद्वेष है।
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