अंबेडकरनगर। प्रधानमंत्री आवासीय शहरी योजना में बड़ी मनमानी व धांधली सामने आई है। बीते दिनों कराई गई जांच में लगभग 2 हजार अपात्रों का नाम सूची से बाहर करा दिया गया। इसके साथ ही 12 ऐसे अपात्र, जिन्हें आवास का लाभ मिल गया था, उनके विरुद्ध वसूली के लिए आरसी जारी की गई है। इन सबके बीच बड़ा तथ्य यह है कि गड़बड़ी करने वालों को सबक सिखाने की सुध प्रशासन को नहीं है। आवास का लाभ लेने वाले 12 अपात्रों के विरुद्ध प्राथमिकता पर केस दर्ज कराने की बजाय मामला सिर्फ तहरीर देने तक ही सीमित है। वहीं तमाम पात्र आवास योजना का लाभ पाने के लिए भटक रहे हैं, मगर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
केंद्र सरकार की अत्यंत महत्वपूर्ण प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना अपात्रों के भी निशाने पर है। ऐसा इसलिए क्योंकि खास किस्म के रैकेट के जरिए अलग-अलग शहरी क्षेत्रों के तमाम ऐसे नाम पात्रता सूची में शामिल कर लिए गए, जो इसके लिए पात्र नहीं थे। तमाम तरह की जांच व सरकार के कड़े प्राविधान के बावजूद अपात्रों का नाम पात्रता सूची में शामिल हो जाना कई तरह के सवाल खड़ा करता है। आलम यह है कि बीते दिनों तत्कालीन जिलाधिकारी राकेश कुमार मिश्र ने जांच कराई, तो 1907 व्यक्ति पात्रता सूची में शामिल होने के बावजूद अपात्र पाए गए।
डीएम के सख्त रुख के चलते इन सभी का नाम आवास का लाभ पाने वाले पात्रों की सूची से हटा दिया गया। इसके अलावा 12 अन्य व्यक्ति ऐसे भी थे, जिन्होंने अपात्र होने के बावजूद आवास योजना का लाभ हासिल कर लिया था। इन सभी को आवास योजना के तहत जरूरी धनराशि प्रदान कर दी गई थी। राशि की वसूली के लिए इन अपात्रों के विरुद्ध रिकवरी नोटिस जारी की गई है। इन सबके बीच अभी भी कई ऐसे अपात्र मिलेंगे, जिन्होंने योजना का लाभ विभिन्न तरह की मिलीभगत के चलते उठा लिया है।
अपात्रों से वसूली की सुध नहीं
शहरी आवास योजना का लाभ जिन अपात्रों ने हासिल किया है, उनसे वसूली की फिक्र प्रशासन को नहीं है। 12 अपात्रों के विरुद्ध आरसी जारी करने के बाद अभी तक धनराशि की वसूली नहीं हो पाई है। प्रत्येक पात्र को ढाई लाख रुपये योजना के तहत प्रदान किए गए थे। ऐसे में इनसे 30 लाख रुपये की वसूली की जानी है।
नहीं हो पाई अब तक एफआईआर
प्रशासन को गुमराह कर आवास का लाभ उठाने वाले अपात्रों पर अब तक प्रशासन केस तक दर्ज नहीं करा पाया है। अपात्रों पर फर्जी दस्तावेज भी प्रस्तुत करने का आरोप है। इसके बावजूद सिर्फ तहरीर देकर अधिकारी व कर्मचारी चुप बैठ गए हैं। जबकि ऐसे गंभीर मामलों में तत्परतापूर्वक केस दर्ज कराया जाता, तो इससे योजनाओं का फर्जी ढंग से लाभ उठाने वाले अपात्रों के बीच सकारात्मक संदेश जाता।
इन अपात्रों ने उठाया लाभ
नगरीय विकास अभिकरण अधिकारी आदित्य कुमार ने बताया कि जांच में गोविंद गनेशपुर की संगीता, अमीरुन्निशा, परशुराम, नूरजहां, मीरानपुर के मोईनुद्दीन, मोहसिनपुर मंसूरपुर के श्यामबहादुर, मिर्जापुर के मंशाराम, बैरमपुर बरवां की कांति देवी व राकेश, कटरिया याकूबपुर की फिरता देवी, बरवां नासिरपुर की सावित्री, सिझौली के सेतू ने अपात्र होने के बावजूद फर्जी दस्तावेज देकर योजना का लाभ ले लिया। इन सबके विरुद्ध केस दर्ज करने के लिए अकबरपुर कोतवाली में तहरीर दी गई है।
की जा रही कार्रवाई
आवास योजना में जहां कहीं भी गड़बड़ी दिखी है, वहां कार्रवाई की जा रही है। आगे और भी जरूरी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। पात्रों को ही योजनाओं का लाभ दिलाया जाएगा।
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