नई दिल्ली ||
उत्तराखंड के चमोली जिला में नंदादेवी ग्लेशियर फटने से भारी तबाही आ गई है। इस हादसे के बाद कम से कम 150 लोगों के लापता होने की खबर है। अभी तक चमोली में 10 शव मिल चुके हैं और तपोवन टनल में फंसे 16 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस बीच राहत की खबर दी है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, कर्णप्रयाग में आज 3 बजकर 10 मिनट पर नदी में पानी की बहाव की स्थिति से साफ है कि बाढ़ की सम्भावना बहुत ही कम है। हमारा विशेष ध्यान सुरंगों में फंसे श्रमिकों को बचाने में है और हम सभी प्रयास कर रहे हैं।                                                      
किसी भी समस्या से निपटने के सभी ज़रूरी प्रयास कर लिए गये हैं।
_वहीं गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, इस कठिन समय में मोदी सरकार उत्तराखंड की जनता के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। NDRF, ITBP और SDRF की टीमें वहां पहुंच गई हैं, वायुसेना को भी अलर्ट पर रखा गया है। देवभूमि में जानमाल का नुकसान कम से कम हो और वहाँ की स्थिति यथाशीघ्र सामान्य हो यह हमारी प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री ने बताया कि एडीजीपीआई और आईटीबीपी के 600 कर्मी किसी भी उभरती स्थिति से निपटने के लिए स्टैंडबाय पर हैं। सभी बचाव दल एनटीपीसी (140) और ऋषिगंगा स्थल (17) पर लापता श्रमिकों की जान बचाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। मेरी प्रार्थना हर लापता कार्यकर्ता के साथ है।
मेडिकल टीमों को प्रभावित* स्थल पर भेज दिया गया है। इस आपात स्थिति से निपटने के लिए जोशीमठ में 30 बेड का अस्पताल तैयार रखा गया है। श्रीनगर, ऋषिकेश, जॉलीग्रांट और देहरादून के अस्पताल स्टैंडबाय पर हैं। इस आपदा से निपटने के लिए हम पूरी कोशिश कर रहे हैं। आपदा से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए हमें केंद्र सरकार से हरसंभव मदद का भरोसा मिल चुका है।

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