चैरी चैरा शताब्दी दिवस 04 फरवरी 2021 पर विशेष लेख
प्रधानमंत्री जी का संबोधन तथा आम जनमानस से शहीदो के आजादी के चौरी चौरा के शहीदो के जीवन से प्रेरणा लेकर राष्ट्र निर्माण के लिए संकल्पित होकर कार्य करें।
उत्तर प्रदेश विधान परिषद का 71 वर्ष का सिंहावलोकन तथा नये सदस्यों का पांच फरवरी का शपथ ग्रहण समारोह एवं वर्तमान स्थिति तथा संसदीय परम्परा
लेखकः डा मुरलीधर सिंह एम0ए0, एलएलबी इलाहाबाद विश्वविद्यालयविद्यावाचस्पति संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी
उप सूचना निदेशक, अयोध्या मण्डल अयोध्या
मो0 9453005405, 7080510637
हमारे भारतीय संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था। अभी अभी हम लोग 72वां गणतंत्र दिवस मनाये है। आज हमें विधिक एवं विधायी दृष्टि से उत्तर प्रदेश विधान परिषद की गठन एवं शक्तियों का जिक्र करना है। आजादी के बाद ही हमारा यूनिइटेड प्राविंस से उत्तर प्रदेश बना तथा 1950 में ही हमारा विधान मंडल गठन हुआ। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 153 से 167 तक श्री राज्यपाल की शक्तियों का उल्लेख है। इसी के अन्र्तगत अनुच्छेद 166 से राज्य की सरकारें राज्यपाल के अधीन कार्य करती है तथा संविधान के अनुच्छेद 168 से लेकर 195 तक विधान मंडल की एवं श्री राज्यपाल की गठन परम्पराओं एवं प्रक्रियाओं का उल्लेख है। इसी तहत विधानसभा/विधान परिषद के सदस्यों के अनुच्छेद 188 में शपथ या प्रतिज्ञान का उल्लेख है। सबसे बड़ा अनुच्छेद 194 में विधानमंडल के सदनों की तथा उनके सदस्यों एवं संचालन नियमावली का उल्लेख है। जहां तक हमें उत्तर प्रदेश विधान परिषद का चर्चा करना है आज इसका संचालन उत्तर प्रदेश विधान परिषद संचालन प्रक्रिया 1956 के तहत होता है तथा विधानसभा का संचालन प्रक्रिया 1958 के तहत होता है। जो उत्तर प्रदेश में लागू है। जब किसी सदन में सभापति न हो या अध्यक्ष न हो श्री राज्यपाल के द्वारा संविधान के अनुच्छेद 184 (उपधारा-1)के तहत कार्यकारी सभापति/प्रोटेम स्पीकर का शपथ दिलाया जाता है। यह कारवाई श्री राज्यपाल के द्वारा कार्यवाहक सभापति के रुप में झांसी क्षेत्र के निवासी विधान परिषद के सदस्य कुंवर मानवेन्द्र सिंह को शपथ दिनांक 31 जनवरी को दिलायी जा चुकी है। कुंवर मानवेन्द्र सिंह वर्ष 2001 से लेकर 2003 तक कार्यवाहक सभापति विधान परिषद के रह चुके है। उस समय पद्म विभूषण श्री लालकृष्ण आडवानी जी के नेतृत्व में भारत उदय यात्रा सन् 2003 में हुई थी। विधान परिषद में कुल वर्तमान में 100 सीट है। जिसमें दो सीट रिक्त है। आगामी पांच फरवरी 2021 को विधान परिषद के नवनिर्वाचित 11 सदस्यों को शपथ दिलाई जायेगी। 12 सदस्य निर्वाचित हुए थे। जिसमें कुंवर मानवेन्द्र सिंह जी शामिल है। 10 भारतीय जनता पार्टी के और दो समाजवादी पार्टी के शामिल है। कुंवर मानवेन्द्र सिंह के कार्यवाहक सभापति बनने के बाद तथा श्री राज्यपाल से शपथ लेने के बाद केवल 11 सदस्य है जिसमें 9 भारतीय जनता पार्टी के जिसमें उप मुख्यमंत्री डा दिनेश शर्मा, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष श्री स्वतंत्रदेव सिंह तथा विधान परिषद में समाजवादी पार्टी के द्वारा निर्वाचित नेता विरोधी दल श्री अहमद हसन प्रमुख है। इनकी शपथ विधान भवन के तिलक हाल में पांच फरवरी को माननीय कार्यवाहक सभापति के द्वारा 11 बजे दिलाई जायेगी। जिसकी तैयारियां पूरी हो गयी है। शपथ लेने के बाद विधान परिषद में विभिन्न पार्टियों की दलीय स्थिति इस प्रकार है। समाजवादी पार्टी के 51, भारतीय जनता पार्टी के 32, बहुजन समाज पार्टी के 06, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 02, अपना दल सोनेलाल गुट के 01, शिक्षक दल के 02, अन्य निर्दलीय 04 तथा रिक्त 02 है।
वर्तमान भाजपा नेतृत्व की लोकप्रिय सरकार का 2017 के प्रचंड बहुमत के बाद 19 मार्च 2017 को हुआ था। तबसे सरकार के द्वारा अनेक मोर्चे पर सफलता पूर्वक कार्य किया गया है। जिसमें कानून व्यवस्था भ्रष्टाचार मुक्त विकास, कोरोना काल का बेहतर प्रबन्धन, प्रवासी मजदूरों को रोजगार दिलाना पूर्ण रुप से पारदर्शिता के साथ शासन करना आम जनमानस की समाधान दिवस में समस्याओं को सुनना एवं निपटारा करना, रोजागार बढ़ाने के लिए अनेक विदेशी कम्पनियों के साथ करार करना प्रमुख है। पर विधान परिषद में पूर्ण बहुमत न होने के कारण कभी कभी सरकार को जन कल्याणी कार्यो के क्रियान्वयन के लिए इंतजार करना पड़ता है। परन्तु विधान परिषद को वित्तीय विधेयकों पर अधिकार न होने के कारण कार्य में बाधा उत्पन्न नहीं होता तथा कार्य चलता रहता है। समान्यतः दो सदन वाले विधानमंडल में होती है। हिन्दुस्तान के दो सदन की व्यवस्था उत्तर प्रदेश, बिहार, कर्नाटक में लागू है। इससे लोकतंत्र मजबूत होता है तथा आम जनमानस की समस्याओं को चर्चा करने में मदद मिलती है। हमारा विधान परिषद उच्च सदन है। इस सदन में अनेक विभूतियों ने कार्य किया है। जो उत्तरांचल जैसे राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री का श्रेय स्व श्री नित्यानंद स्वामी को जाता है तथा आगे भी आशा है कि विधान परिषद से अनेक निर्वाचित सदस्य हमारे राज्य सरकार के आवाम को विकसित बनाने में अपनी प्रमुख भूमिका निभायेंगे। वर्तमान में देखा जाय तो हमारे प्रदेश के मुख्यमंत्री दोनो उपमुख्यमंत्री तथा अनेक मंत्रीगण विधानपरिषद से निर्वाचित हुए है तथा प्रदेश को आगे बढ़ाने में भारतीय संघ के 28 राज्यों में उत्तर प्रदेश को सर्वांगीण विकास प्रधानमंत्री आवास योजना, राष्ट्रीय स्वच्छता कार्यक्रम आदि में प्रथम पुरस्कार प्राप्त कराने वाले माननीय योगी आदित्यनाथ जी के कार्यो के कारण ही सम्भव है जो देश ही नहीं विदेशों में चर्चा का विषय बना हुआ है तथा माननीय प्रधानमंत्री जी मोदी जी एवं योगी जी की जुगलबंदी भारत राष्ट्र को आगे ले जाने में सफल होगी। इसमें चार सौ साल से ज्यादा लम्बी लड़ाई के बाद अयोध्या में भव्य श्री राममंदिर का जो मार्ग प्रशस्त हुआ है। वह इन दोनो महान नेताओं/विभूतियों को विशेष श्रेय जाता है। मुझे सूचना विभाग के अधिकारी के रुप में विधान मंडल के दोनो सदनों का कवरेज करने समन्वय करने, सूचना देने वर्ष 2005 से 2014 तक का रहा है। उस दरम्यिान हमने सदन के संविधान की बारीकियों को माननीय सदस्यों के चर्चाओं को प्रेस दीर्घा के माध्यम से कभी कभी श्री राज्यपाल दीर्घा के माध्यम से देखा है तथा आज जो सूचनाएं प्राप्त हुई है। उसको आम जनमानस के लिए प्रेषित किया जा रहा है और हो सकता है। फरवरी के दूसरे सप्ताह के पूर्व विकास के गति को और बढ़ाने वाले जननेता प्राप्त हो जो सरकार के कार्यो को और आगे बढ़ायेंगे। विधान परिषद में सत्ताधारी दल का एक सदन नेता होगा तथा अन्य सदस्य सदन की शोभा एवं गरिमा बढ़ायेंगे। मै स्व0 प्रसिद्ध शिक्षक नेता डा ओम प्रकाश शर्मा को इस लेख के माध्यम से हार्दिक श्रद्धांजलि व्यक्त करता हूं। यह शिक्षक जगत समाज का प्रसिद्ध प्रवक्ता अब सदन में नहीं रहेगा।
(दिनांक 04 फरवरी 2021 अयोध्या धाम)
--- जय हिन्द जय भारत --
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