*सत्ता के संरक्षण में अबैध मिट्टी के खनन का सिलसिला जारी* 

*उरई/जालौन।* जनपद में मिट्टी के बेतहाशा खनन का सिलसिला थम नहीं रहा है। शोर-शराबा होने पर यदाकदा अभियान चलाकर अंकुश लगाने का दावा किया जाता है। कुछ ही दिनों बाद धरातल पर हालात जस के तस नजर आते हैं। मैदानी क्षेत्र में उपजाऊ खेतों से मिट्टी का खनन कृषि उत्पादन के लिए भी घातक सिद्ध होगा इसके बावजूद प्रभावी अंकुश नहीं लग रहा है। मिट्टी के बेतहाशा खनन से उपजाऊ खेत चौपट हो रहे हैं। तो वही जंगल भी नष्ट हो रहे हैं इस खेल में क्षेत्रीय प्रभावशाली लोग और पुलिस का ऐसा गठजोड़ हो गया है कि प्रशासन का अभियान सिर्फ औपचारिकता प्रतीत होता है। इन दिनों प्लॉटों में मिट्टी भराव का कार्य जोरों पर होने से खनन भी तेजी से किया जा रहा है। हर प्वाइंट पर करीब एक दर्जन हाइड्रोलिक ट्राली युक्त ट्रैक्टर लगे हुए हैं जो मिट्टी की ट्राली शहर और आसपास में ले जा रहे हैं। किसान को 10 ट्राली की छूट किसान को निजी जरूरत पर 30 घनमीटर या 10 ट्रैक्टर ट्राली के समक्ष मिट्टी की खनन की छूट है। इसके लिए भी किसान को अपने क्षेत्र के एसडीएम से इसकी अनुमति लेनी होगी। या फिर ऑनलाइन भी अनुमति ले सकते हैं। भट्टा संचालक जिन किसानों के खेत से मिट्टी लेंगे उसकी पूरी नापजोख कराकर खेत से दो मीटर तक की गहराई का खनन कर सकते हैं। जेसीबी से खनन कराने के लिए पर्यावरण विभाग से अनुमति लेने के बाद डीएम के आदेश कराना पड़ता है। इन सभी नियमों को दरकिनार करके जबरदस्त खनन कराया जा रहा है। सदर कोतवाली क्षेत्र में खनन जोरों पर मिट्टी का खनन तो समूचे जनपद में हो रहा है लेकिन इन दिनों सदर कोतवाली एवं आटा थाना क्षेत्र में खनन जोरों पर हैं। उरई कोतवाली क्षेत्र के कुकरगांव बोहदपुरा अमगुवां चुर्खी रोड तथा भदरेखी के आसपास खेतों में खनन जोरों पर हो रहा है। इस क्षेत्र की मिट्टी शहर में प्लॉटों की भराई में खपाई जा रही है। प्रति जेसीबी 4 हजार की वसूली मिट्टी खनन से जुड़े लोगों के मुताबिक खनन के खेल में स्थानीय नेता और खनिज विभाग व पुलिस शामिल है। एक जेसीबी से करीब एक दर्जन ट्रैक्टर-ट्राली लगे होते हैं। रात में सात घंटे के मिट्टी खनन में एक जेसीबी से 70-80 ट्राली मिट्टी से लोड होती हैं। प्रति ट्राली 800 रुपये में बेची जा रही है।


जालौन से अनिल कुमार की रिपोर्ट

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