आयुर्वेद की थाती माने जाने वाले पांच हिमालयन प्लांट पर चीन धीरे-धीरे कब्जा जमाता जा रहा है। इन पांच औषधीय पौधों में रोडेला रोजिया वैज्ञानिक नाम वाली बूटी के इस्तेमाल से चीन एक के बाद एक दवाएं तैयार कर पेटेंट कराता जा रहा है। बीएचयू के वैज्ञानिकों को इस बात की चिंता सता रही है कि आने वाले दिनों में चीन इस पौधे को अपनी संपत्ति ही न बना ले। दरअसल यह बूटी शरीर में ऑक्सीजन संयोजन के साथ ही डिप्रेशन कम करने में भी सहायक है।
जिन अन्य चार औषधियों पर चीन कब्जा जमाता जा रहा है, उनमें साइलेसिया ओबलॉंगा (भारतीय नाम सप्तरंगी या सप्तचक्र), बर्बेरिश अरिस्टाटा (भारतीय नाम दारुहरिद्रा), रेनवाडिका इंडिका (भारतीय नाम बसंती) और हिपोफी (भारतीय नाम अम्लवेतस) है। संजीवनी बूटी कहे जाने वाले रोडेला रोजिया का उल्लेख आयुर्वेद में सबसे शक्तिशाली इम्यूनिटी बूस्टर के रूप में किया गया है।
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