उतरौला (बलरामपुर) 
बर्ड फ्लू की दहशत के बाद चिकन के दामों में गिरावट आ गई है। लेकिन चोरी छिपे प्रवासी पक्षियों का शिकार व बिक्री पर रोक नहीं लग पा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों के बड़े तालाबों पर प्रवासी पक्षियों की भारी संख्या में आमद होती है। 
इन पक्षियों का फ्लू से संक्रमण होना संभव है। प्रवासी पक्षियों की सबसे ज्यादा आमद तिलहर, कान्हा, बरायल, मधपुर, भैरमपुर व श्रीदत्तगंज के खझुवा, केरावगढ़ तालाबों में होती है। इन तालाबों के कुछ भाग में शिकारी जाल बिछा देते हैं। जलक्रीड़ा करने व मछलियों का शिकार करने के लिए उतरने वाले पक्षी इन जालों में फंस जाते हैं। बाद में शिकारी इन्हें जाल से छुड़ा कर अपने कब्जे में ले लेते हैं। प्रवासी पक्षियों की बिक्री प्रतिबंधित होने व संक्रमित होने की आशंका के बाद भी इनकी बिक्री बदस्तूर चल रही है। श्रीदत्तगंज व उतरौला क्षेत्रों में चल रहे पक्षियों की बिक्री जानने के बाद भी महकमा इस पर रोक लगा पाने के लिए सक्रिय नहीं हो पा रहा है।
सीओ राधारमण सिंह का कहना है कि प्रवासी पक्षियों का शिकार व बिक्री वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम का उल्लंघन है। सभी बीट उपनिरीक्षकों व चौकी प्रभारियों को इस पर कड़ी नजर रखने का निर्देश दिया जाएगा।
असगर अली 
उतरौला 

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