औरैया // श्रीगोपाल इंटर कालेज का संस्थागत छात्र सुमुख मिश्रा पुत्र अंजुल कुमार मिश्रा निवासी भगौतीपुर औरैया ने वर्ष 2018 में हाईस्कूल परीक्षा में हिस्सा लिया था परीक्षा परिणाम में उसके हर विषय में अच्छे अंक मिले थे, लेकिन गणित विषय में अपेक्षा से कम केवल 34 अंक प्राप्त मिले। छात्र ने कापी दिखाने के लिए बोर्ड से आवेदन किया 28 नवंबर 2019 को बोर्ड द्वारा नियत तिथि पर उसने जब कापी देखी तो उसने पाया कि आठ प्रश्नों व उनके खंडों के उत्तर सही होने के बावजूद उसे शून्य अंक दिए गए इस पर छात्र ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया हाईकोर्ट ने पांच अप्रैल 2020 को आदेश दिया कि छात्र को उत्तर पुस्तिका की छाया प्रति दे दी जाए छाया प्रति से पता चला कि उसे गलत प्राप्तांक गणित में दिए गए 17 दिसंबर 2020 को हाईकोर्ट ने आदेश कर उक्त कापी को राजकीय इंटर कालेज प्रयागराज के गणित के शिक्षक से जंचवाया व अगले दिन जांच रिपोर्ट में पाया कि छात्र को शून्य नंबर गलत दिए गए याचिका पर बहस करते हुए बोर्ड के अधिवक्ता ने उत्तर पुस्तिका के पुनर्मूल्यांकन का प्राविधान न होने का तर्क रखा वहीं पीड़ित छात्र के अधिवक्ता के डी अवस्थी ने सुप्रीम कोर्ट की एक रुलिंग प्रस्तुत करते हुए बताया कि प्रथम दृष्टया गलती स्पष्ट होने पर कोर्ट को पुनर्मूल्यांकन कराने का अधिकार है इस पर उच्च न्यायालय ने बोर्ड से गणित के दो एक्सपर्ट परीक्षक से अलग अलग पुस्तिका का पुनर्मूल्यांकन कर अवगत कराने का आदेश दिया बोर्ड ने परीक्षक ज्योति अग्रवाल और अभय कुमार उपाध्याय से उत्तर पुस्तिका को जंचवाया तो ज्योति ने शून्य की जगह 28 नंबर, अभय ने 27 प्राप्तांक प्राप्त होने की रिपोर्ट दी
वरिष्ठ अधिवक्ता महावीर शर्मा ने बताया कि छात्र सुमुख मिश्रा की दायर याचिका की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अरविंद कुमार मिश्रा ने बोर्ड को संशोधित मार्कशीट देने का आदेश दिया है
ब्यूरो रिपोर्ट - जे एस यादव
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