NCR News:आर्थिक समीक्षा देश की अर्थव्यवस्था की रिकवरी की बेहतर तस्वीर पेश करती है। इस बेहतर तस्वीर को सच करने के लिए जरूरी है कि आम बजट में सरकार कदम भी ऐसे ही उठाए। कोरोनाकाल में पहला बजट आखिर कैसा हो कि आगामी वित्त वर्ष में 11% की ग्रोथ रेट की जो उम्मीद आर्थिक सर्वेक्षण में जताई गई है उसे पाने के लिए सिर्फ सरकार को कमाई बढ़ानी होगी बल्कि एक भयमुक्त माहौल भी बनाना होगा।इंडस्ट्री चैंबर एसोचैम के सर्वे में भी सामने आया है कि सरकार की प्राथमिकता हेल्थकेयर, मैन्युफैक्चरिंग, एमएसएमई, रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर रह सकती है। भास्कर विशेषज्ञों का कहना है कि लोगों की सबसे बड़ी उम्मीद है कि आयकर छूट की सीमा बढ़ाई जाए ताकि खर्च करने के लिए ज्यादा पैसा लोगों के हाथ में आए। साथ ही आयुष्मान भारत योजना के दायरे में अब सभी को लाया जाए ताकि सेहत की चिंता से भी जनता को मुक्ति मिले। मगर ऐसी घोषणाओं के लिए जरूरी है कि सरकार अपनी कमाई भी बढ़ाए। जानिए कैसे अर्थव्यवस्था को उबारने के उपायों के साथ सरकार आय बढ़ा सकती है।

होम लोन पर ब्याज छूट सीमा भी बढ़े

अभी कर मुक्त सीमा जो 2.5 लाख रुपए की है वह बढ़कर पांच लाख रुपए होनी चाहिए। होमलोन पर ब्याज की छूट भी 3.5 लाख से बढ़कर पांच लाख रुपए होनी चाहिए। मेडिक्लेम सीमा 75 हजार से बढ़कर 1.5 लाख रुपए होनी चाहिए। साथ ही सरकार को स्वास्थ्य सेवाओं और मेडिसिन पर कर का बोझ घटाना चाहिए। एमएसएमई और कॉर्पोरेट कर को भी तर्क संगत बनाना चाहिए।

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