बडे़ शहरों व घनी आबादी वाले कस्बों के पास, बाईपास बनाने की बनायी जाये कार्ययोजना

अगले 20 वर्षों का बनायें मास्टरप्लान

-श्री केशव प्रसाद मौर्य


लखनऊ: दिनांक: 25 जनवरी, 2021

उ0प्र0 के उपमुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया है कि बडे़ शहरों व घनी आबादी के क्षेत्रों जहां जाम लगने की समस्या अक्सर बनी रहती है, वहां पर बाईपास बनाने की कार्ययोजना बनायी जाय। इस सम्बन्ध में उन्होने यह भी निर्देश दिये हैं कि सभी 75 जनपदों में इसका चिन्हाकंन करा लिया जाय कि कहां-कहां पर बाईपास बनाये जाने की वास्तव में आवश्यकता है। श्री मौर्य आज लोक निर्माण विभाग मुख्यालय स्थित तथागत सभागार में लोक निर्माण विभाग, सेतु निगम व उ0प्र0 राजकीय निर्माण निगम के कार्यों की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे।
श्री मौर्य ने कहा कि बाईपासों का मास्टरप्लान आगामी 20 वर्षों को ध्यान में रखकर बनाया जाय क्योंकि सड़कों के विकास से ही प्रदेश का सर्वांगीण विकास हो सकेगा। उन्होने कहा कई जिलों में तो एक से अधिक बाईपास बनाये जाने की आवश्यकता है। उत्तर प्रदेश की जनसंख्या और सबसे अधिक ट्रांस्पोर्ट की वजह से बाईपास बनाया जाना आवश्यक आवश्यकता है और इस दृष्टिकोण से पूरे प्रदेश में बाईपास बनाये जाने के हर सम्भव प्रयास किये जायेंगे। उन्होने कहा कि इससे जहां जाम की समस्या से निजात मिलेगी, वहीं काफी लोगों को रोजगार भी मिलेगा। उन्होने निर्देश दिये कि बाईपास के निर्माण के प्रपोजल और कार्ययोजना जिलों से तत्काल मंगाई जाय।
उपमुख्यमंत्री ने निर्देश दिये सभी जिला मुख्यालयों व तहसील स्तर पर स्थाई रूप से हेलीपैड बनाये जाने की भी कार्ययोजना बनायी जाय। कार्ययोजना बनाते समय सभी तकनीकी पहलुओं पर गहन विचार विमर्श कर लिया जाय। जिलास्तर पर जहां पर लोक निर्माण विभाग के निरीक्षण भवन हैं, वहीं पर भूमि की उपलब्धता को देखते हुये हेलीपैड बनाये जाने की कार्ययोजना बनायी जाय। उन्होने यह भी निर्देश दिये कि जहां पर हेलीपैड बनने हैं, वहां सेफहाउस बनाये जाने पर भी विचार कर लिया जाय।
श्री मौर्य ने निर्देश दिये कि बड़े प्रोजेक्ट व सेतु निगम की बड़ी परियोजनाओं को ई0पी0सी0 मोड (इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेन्ट एण्ड कान्स्ट्रक्शन) पर करने का भी विचार किया जाय। चालू कार्यों तथा नये कार्यों की कार्यवार व उनके लिये आवंटित धनराशि की जानकारी लेते हुये स्पष्ट निर्देश दिये कि युद्धस्तर पर कार्य करके सभी परियोजनाओं को पूरा किया जाय, जहां पर धन की मांग है, उपयोगिता प्रमाण-पत्र लेते हुये शीघ्र से शीघ्र धनराशि जारी की जाय। छूटी हुयी अनजुड़ी बसावटों को मुख्य मार्गों से जोड़ने का कार्य सभी औपचारिकताएं पूरी करते हुये कराया जाना सुनिश्चित किया जाय। यह ध्यान रखा जाये कि इन लिंक मार्गों की चैड़ाई 5 मी0 से कम नहीं होनी चाहिए। उन्होने निर्देश दिये कि एन0एच0 व एन0एच0ए0आई0 की सभी सड़कों का मुख्यालय व शासन के अधिकारियों को लगाकर भौतिक सत्यापन कराया जाय और उसकी विस्तृत रिपोर्ट उपलब्ध करायी जाय।
वाह्य सहायतित परियोजनाओं इण्डो नेपाल बार्डर परियोजना व अन्य योजनाओं के क्रियान्वयन की जानकारी हासिल की तथा सम्बन्धित मुख्य अभियन्ताओं को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। उन्होने यह भी निर्देश दिये कि लोक निर्माण विभाग, सेतु निगम के उल्लेखनीय कार्यों व अभिनव योजनाओं के बारे में एक छोटी बुकलेट छपवाकर जिलों में भेजी जाय, ताकि लोगों को जानकारी हासिल हो सके। उन्होने कहा कि जहां पर बजट के पुनर्विनियोग की आवश्यकता है, उसके प्रपोजल 02 दिन के अन्दर तैयार कर भेजे जांय।
बैठक में प्रमुख सचिव श्री नितिन रमेश गोकर्ण, सचिव श्री जे0बी0 सिंह, विशेष सचिव श्री गिरिजेश कुमार त्यागी, प्रमुख अभियन्ता (विकास) श्री राजपाल सिंह, प्रमुख अभियन्ता श्री ए0के0 जैन, सेतु निगम के एम0डी0 श्री अरविन्द श्रीवास्तव, यू0पी0आर0एन0एन0 के एम0डी0 श्री एस0पी0 सिंघल, मुख्य अभियन्ता श्री संजय श्रीवास्तव, श्री अशोक कनौजिया सहित अन्य अधिकारी मौजूद 

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