*जिलाधिकारी शेषमणि पांडेय की अध्यक्षता में लंबित वन आपत्तियों के निस्तारण व जिला पर्यावरण समिति की एक बैठक का आयोजन संबंधित अधिकारियों के साथ कलेक्ट्रेट सभागार में किया गया*।
जिलाधिकारी ने प्रभागीय वनाधिकारी कैलाश प्रकाश को निर्देश दिए कि जो लंबित बन आपत्तियां पड़ी हैं उनका राजस्व, खनिज के अधिकारियों के साथ संयुक्त निरीक्षण कर तत्काल निस्तारण कराएं जहां पर एनओसी में समस्या हो तो उसका विवरण सहित उल्लेख करके वापस किया जाए, उन्होंने अपर जिलाधिकारी जी पी सिंह से कहा कि तहसीलवार उप जिलाधिकारियों के साथ एक तिथि निश्चित करके एक सप्ताह के अंदर निस्तारण कराया जाए अगर एक सप्ताह के अंदर निस्तारण नहीं होता है तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी प्रभागीय वनाधिकारी से यह भी कहा कि वन क्षेत्राधिकारी, राजस्व व खनिज के अधिकारी जाकर तत्काल निस्तारण करा कर जो एनओसी देने लायक है तो उसे दे व वन क्षेत्र में है तो आपत्ति बनाकर उपलब्ध कराएं।
तत्पश्चात जिलाधिकारी ने पर्यावरण के संबंध में ठोस अपशिष्ट, प्लास्टिक अपशिष्ट, ई वेस्ट प्रबंधन, जैव चिकित्सा अपशिष्ट, कंस्ट्रक्शन एंड डिमोलिशन वेस्ट प्रबंधन, कृषि अपशिष्ट आदि विभिन्न बिंदुओं पर विस्तृत समीक्षा करते हुए।कृषि, परिवहन, रेलवे, स्वास्थ्य, मंडी, पशुपालन, नगर निकाय, पंचायती राज, उद्योग, ग्रामीण विकास, लोक निर्माण विभाग, जल निगम, जल संस्थान आदि संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि जो शासन से दिशा निर्देश दिए गए हैं उसमें सभी विभाग अपने कार्यों की कार्य योजना एक सप्ताह के अंदर बनाकर प्रभागीय वनाधिकारी को उपलब्ध कराएं कहा कि उसमें क्या-क्या कार्य कराए जाएंगे पूरा विवरण सहित दिया जाए तत्पश्चात जिला सूचना विज्ञान अधिकारी एनआईसी में अपलोड करें। प्रभागीय वनाधिकारी से कहा कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों के साथ विस्तार पूर्वक कार्य योजना बनाई जाए सभी तहसीलों पर उप जिलाधिकारी अध्यक्षता में कमेटी का गठन करके कार्यवाही सुनिश्चित कराएं। क्षेत्रीय कार्यालय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों को निर्देश दिए कि नगर पालिका, नगर पंचायतों का सहयोग करें वाटर बॉडीज के कार्यों पर भी जल निगम, जल संस्थान आदि से मिलकर कार्य योजना तैयार की जाए।
एक टिप्पणी भेजें
If you have any doubts, please let me know