महिला काव्य मंच (रजि) उत्तर प्रदेश इकाई (मध्य) की लखनऊ की मासिक काव्य गोष्ठी ऑनलाईन गूगल मीट पर आज डॉ राजेश कुमारी, अध्यक्ष, महिला काव्य मंच, उत्तर प्रदेश इकाई (मध्य) की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई।
 सरस्वती वन्दना के पश्चात ख्याति प्राप्त कवयित्री डॉ शोभा बाजपेई जी की बेटियों पर आधारित कविता"बेटियां केवल दायित्व नहीं, पर्याय हैं अपनत्व का, सृष्टि के सत्व का" कविता पाठ आरम्भ हुआ। इसके बाद क्रमशः श्रीमती बीना श्रीवास्तव, डॉ कीर्ति श्रीवास्तव, डॉ कालिंदी पाण्डेय, सुश्री अंजू अंजू जी ने एक से बढ़कर एक कविताएं प्रस्तुत किया। सुश्री जूली सिंह, सुश्री दिव्यांशी शुक्ला, श्रीमती मनीषा श्रीवास्तव,डॉ सुमन लता सिंह, श्रीमती अर्चना पाल ने अपनी अपनी कविताओं से सबको भाव विभोर कर दिया।
कार्यक्रम में उपस्थित महिला काव्य मंच, उत्तर प्रदेश इकाई (मध्य) की महासचिव डॉ ऊषा चौधरी जी, प्रसिद्ध कवयित्री डॉ शोभा त्रिपाठी जी एवं डॉ सुधा मिश्रा जी ने अत्यन्त मार्मिक व हृदय स्पर्शी कविता पाठ किया। डॉ अनुराधा पाण्डेय डॉ रेखा गुप्ता, डॉ पूनम भटनागर (सचिव, म. का. म. लखनऊ) डॉ पद्मिनी नातू, ख्याति प्राप्त कवयित्री श्रीमती साधना मिश्रा जी, डॉ राजेश कुमारी व डॉ रीना श्रीवास्तव जी ने एक से बढ़कर एक विविध विषयों पर काव्य पाठ किया।
अन्त में महासचिव डॉ ऊषा चौधरी जी सभी कवयित्रियों की प्रशंसा करते हुए कहा कविता हमें संवेदनशील बनाती हैकार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉ राजेश कुमारी जी ने कहा कविता मनुष्य में मनुष्यता जगाती है तथा समाज में जागरुकता का कार्य करती है। संचालन व संयोजन डॉ रीना श्रीवास्तव, अध्यक्ष, महिला काव्य मंच (रजि), इकाई लखनऊ ने किया।
आनन्द मिश्रा 
बलरामपुर 

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