अम्बेडकरनगर- जिले में बढ़ते हुए क्राइम ग्राफ़ को देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आलोक प्रियदर्शी ने कई उप निरीक्षक के कार्य क्षेत्र में बड़ा फेरबदल किया है।
जनपद में बिगड़ती कानून-व्यवस्था एवं अपराधिक मामले से जिले के लोग काफी चिंतित है। विपक्ष एक सुर से बढ़ती हत्या के मामले को के मुद्दे पर प्रशासन को घेरने में जुटा है। ब्राह्मण समुदाय के लोगों ने जनपद में कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाने लगे हैं। पुलिस अधीक्षक और यसपी हर हाल में कानून-व्यवस्था दुरुस्त करने की बात कर रहे हैं। जिले में लगातार एक के बाद एक तीन हत्याओं के चलते कानून व्यवस्था को दुरुस्त बनाए रखने के लिए उपनिरीक्षकों को इधर से उधर कर रहे है। जिससे अधिकारी ने क्षेत्र में कानून व्यवस्था को सहज बना कर रख पाए। राजेसुलतानपुर हत्याकांड और भीटी सचिन तिवारी उर्फ (पुज्जु) हत्याकांड अपराध के ताजा उदाहरण है।
बृहस्पतिवार को यसपी आलोक प्रियदर्शी ने बड़ा प्रशासनिक फेरबदल करते हुए एक साथ छः उप निरीक्षकों के तबादले कर दिए। इससे पहले भी काफी दिन से एक ही जगह पर से बने रहने पर सवाल उठाए जा रहे थे जिसके चलते उप निरीक्षकों के तबादले किए थे। मुख्यालय अकबरपुर में प्रभारी स्तर के छः अधिकारियों के तबादले किये गए। जिससे लगभग पूरा प्रशासनिक अमला बदल गया है।इन दबादलों में 7 उप निरीक्षक शामिल है। उप निरीक्षक प्रदीप सिंह यातायात प्रभारी को भीटी थाना उपनिरीक्षकबनाया गया,तो वही दीपक सिंह थाना आलापुर उपनिरीक्षक को यातायात प्रभारी बनाया गया है तो वही टांडा थाना उपनिरीक्षक संजय कुमार पाठक को थाना आलापुर का भार सौंपा गया है। नरसिंह उपनिरीक्षक थाना भीटी से थाना बसखारी का चार्ज संभालेंगे। अजय कुमार सिंह थाना बसखारी उपनिरीक्षक को प्रभारी चौकी सकरावल थाना टांडा भेजा गया है। सुनील सिंह पुलिस लाइन से थाना आलापुर का दायित्व दिया गया है।आपको बता दे बढ़ते अपराध के चलते अलोक प्रियदर्शी के कार्यकाल में यह सबसे बड़ा तबादला है। जानकारों का मानना है कि प्रशासनिक फेरबदल के अलावा पुलिस को निष्पक्षता से काम करना चाहिए।वरिष्ठ पत्रकारों कहना है कि जब तक अधिकारियों के तबादले नेताओं के इशारे पर होते रहेंगे, कानून-व्यवस्था पर पूरी तरह से अंकुश लगाना संभव नहीं है।
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