नगर पालिका की दुकान किराया वसूली करने गये नगर पालिका EO के समक्ष दुकान मालिकों ने बिना नाम दर्ज चल रही दुकान की खोली पोल,
5 नंबर दुकान कब्ज़ादार 4 नंबर का किराया लगातार भर रहा जबकि 4 नंबर पहले से किसी और के कब्जे में हैं,
दुकान किरायेदारों ने लॉक डाउन में काफी नुकसान का दिया हवाला जिससे उन्हें उभरने में काफी समय लग रहा हैं,इस पर भी सख्ती बरती जा रही ,और किराया वसूली की गई,
नगर पालिका दुकान किरायेदारों ने कहा लॉक डाउन के बाद बिना किसी किरायेदार को सूचना दिये बगैर किराया बढ़ोतरी की गई,जो अनुचित हैं,
लोगो ने बताया लॉक डाउन बंदी के समय जो लोगो ने बचाया था वही खर्च हो गया तो वो किराया कैसे भरते,जिन दुकान किरायेदारों की दुकाने सील की गई वो कर्ज ले कर अदा कर अपनी दुकानों को खुलवाया,
छोटे बकायेदारों की एक ना सुनी गई, बड़े बाकायदारों को मोहलत दे कर छोड़ दिया गया,
बलरामपुर, नगर पालिका परिषद की दुकान की वसूली करने गये EOराकेश कुमार जायसवाल और कर्मचारिओं पर दुकान दारों ने लगया भेदभाव का इल्जाम,
दुकानदारों ने इल्जाम लगाया की बड़े बकाया दारों के साथ तो नरमी बरती गई और छोटे बकायादारों को टारगेट किया गया, वहीं गुस्साए दुकानदारों ने नगर पालिका EO को नगर पालिका की एक दुकान जो बिना किसी नाम दर्ज के उठाई गई हैं दिखाई,कब्ज़ा धारी दूकानदार किराया भी दें रहा हैं,अब सोचने वाली बात ये हैं जो बिना नाम दर्ज के दुकानदार किराया किसे दे रहा हैं,रही कशी बात तब और सोचने वाली हैं नगर पालिका EO वा कर्मचारी 1नंबर की दुकान सील कर 7 नंबर की दुकान को सील कर आगे की सारी दुकानों पर वसूली की गई वा सील कर दी गई पर उन बिना नाम दर्ज दुकान का कोई सवाल जवाब तक नहीं किया गया । जिससे वहां के दुकानदारों ने नगर पलिका EO से सवाल किया जिससे कोई जवाब देते नहीं बना और आनन फानन में उस दुकान को सील कर दुकान दार से नगर पालिका में मिलकर समाधान करने को बुलाया गया । सवाल ये जरूर उठता हैं अगर दुकान नाम से दर्ज नहीं तो किराया कौन वसूल रहा हैं? और कौन लोग हैं ? जो सरकारी राजस्व में सेंध लगा रहें हैं?
नगर पालिका EO द्वारा सिर्फ निस्तारण करने हेतु दुकानदार को बुलाया गया । इस पर जाँच होनी चाहिए तकरीबन 14, 15 वर्षो से राजस्व में सेंध लगाने वाले इन लोगों पर किसकी कृपा हैै ।
आनन्द मिश्र
बलरामपुर
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