सार्वजानिक अखाड़ों के खत्म होने से पहलवानी का शौक रखने वाले युवक मायूस

कालपी (जालौन)
संरक्षण के आमाव के वजह से कालपी नगर के अखाड़े तथा व्यायामशालाओं का बजूद ही खत्म हो गया है। फलस्वरूप कसरत तथा पहलवानी का शौक रखने वाले नव जवान लोगों को जिम का सहारा लेना पड़ रहा है।

उल्लेखनीय हो कि नगर के अलग अलग स्थानों मे आधा दर्ज़न से अधिक अखाड़े स्थापित थे। जिनमे रोजाना भोर होते ही पहलवानी का शौक रखने वाले नव युवक तथा बुजुर्ग लोग पहुंचकर कसरत व्यायाम करते थे। अखाड़े मे कसरत करने के लिये तमाम सामान तथा सहूलियत उपलब्ध रहते थे। कागजीपुरा मोहल्ला का बड़ा अखाडा मे घर वन गये है। बिजलीघर रोड के अखाड़े मे गेस्ट हाउस बन चुका है। इसी प्रकार बटाऊ लाल अखाडा भी बेरौनक हो गया है। लंका मीनार मंदिर के परिसर मे बना अखाडा भी संरक्षण के आमाव मे अनुपयोगी बना हुआ है। मालूम हो कि बटाऊ लाल के अखाड़े मे प्रतिवर्ष बुढ़वा मंगल का तथा लंका मीनार के अखाड़े मे प्रतिवर्ष जन्मआष्ट्मी पर दंगल का आयोजन होता है। 


जालौन से अनिल कुमार की रिपोर्ट

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