सूत्रों की मानें तो सड़क निर्माण संबंधी टेंडर पूर्व में ही जारी करने का निर्देश दिया गया था लेकिन जानबूझकर इसे रोक लिया गया। सड़क बन जाने के बाद टेंडर जारी किया गया। इसे वित्तीय अनियमितता मानते हुए जांच कराई जा रही है। आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान ने शुक्रवार के अंक में इस मामले को प्रमुखता से प्रकाशित किया। इस पर मेयर व नगर आयुक्त ने मामले में रिपोर्ट मांगी है। दूसरी तरफ काम कराए जाने के बाद टेंडर निकालने के कुछ अन्य मामले भी सामने आ रहे हैं।
नगर निगम ने छह जनवरी को शहर में 19 कार्यों के लिए टेंडर जारी किया था। अशोक नगर, कालिंदीपुरम, मम्फोर्डगंज, मीरगंज आदि स्थानों पर करीब डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से सड़क, नाली, इंटरलाकिंग का काम कराना था। इन्हीं कामों में मम्फोर्डगंज में एचआईजी कालोनी के फ्लैट नंबर एक से 14 तक क्षतिग्रस्त मार्ग के निर्माण कार्य का भी टेंडर जारी हुआ था। पता चला कि उक्त सड़क तीन दिन पहले ही बनाई गई थी। ऐसे में बन चुकी सड़क के लिए टेंडर जारी करने के मामले ने तूल पकड़ना शुरू कर दिया।
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