त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। जिले का अंतिम परिसीमन जारी हो चुका है। 22 जनवरी को अंतिम मतदाता सूची भी जारी होगी। ऐसे में सभी की निगाहें आरक्षण पर टिकी हैं। इस बार आरक्षण प्रक्रिया ऑनलाइन जारी होने की संभावना है। सभी पंचायतों की आबादी और पिछले पांच चुनावों के आरक्षण का ब्यौरा सॉफ्टवेयर पर अपलोड किया जा रहा है।
22 को जारी की जाएगी अंतिम मतदाता सूची, गांव में चुनावी बयार
प्रधान व जिला पंचायत सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो चुका है। मार्च में क्षेत्र पंचायत सदस्यों का भी कार्यकाल पूरा हो जाएगा। अब ग्रामीण क्षेत्र में चुनावी बयार बहने लगी हैं। दावेदारों में आरक्षण को लेकर बेचैनी है। आरक्षित सीटों की घोषणा होने के बाद पंचायत चुनाव पूरे रंग में आ जाएगा। कौन-कौन लोग मैदान में रहेंगे, यह स्थिति लगभग स्पष्ट हो जाएगा। उसके बाद संभावित प्रत्याशी जीत का गुणा-भाग
लगाने लगेंगे। पंचायत चुनाव में सीटों के आरक्षण तय करने में सबसे ज्यादा पेच फंसता है।
1995 से 2015 के चुनाव का आरक्षण, आबादी का ब्यौरा हो रहा अपलोड
इस बार पारदर्शिता बनाए रखने की तैयारी है। शासन स्तर से विकसित साफ्टवेयर पर पिछले पांच पंचायत चुनाव के आरक्षण का ब्यौरा व आबादी दर्ज की जा रही है। ऐसे में जिले से 1995 से 2015 के बीच पंचायत चुनावों का ब्यौरा अपलोड हो रहा है।
आरक्षण को लेकर अब तक कोई भी आदेश नहीं मिला है। शासन के निर्देश पर पिछले पांच चुनावों का ब्यौरा ऑनलाइन अपलोड कराया जा रहा है। आगे भी निर्देशों का पालन किया जाएगा। लोगों से अपील है कि वे आरक्षण के लिए किसी के झांसे में न आएं।
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