मैं थानेदार होती तो दिनदहाड़े सरेराह एक बच्ची पर हुए हमले की घटना को गंभीरता से लेकर जल्द से जल्द आरोपी को पकड़ती। यह बातें बीते साल नवंबर महीने में मंडुवाडीह थाने की एक दिन के लिए थानेदार बनाई गई मड़ौली की जीविका सिंह ने शनिवार को कहीं। शुक्रवार को मंडुवाडीह थाने से 500 मीटर की दूरी पर सरेराह हुए हमले से जीविका सहमी हुई है और परिजन उसकी हौसलाअफजाई में लगे हुए हैं। वहीं परिजनों ने कहा कि उनकी किसी से कोई रंजिश नहीं है। समझ में नहीं आ रहा है कि उनकी बेटी के साथ ऐसा क्यों हुआ...?
मड़ौली निवासी राजेंद्र पटेल की बेटी जीविका मंडुवाडीह थाने के सामने स्थित स्कूल की कक्षा 10 की छात्रा है। जीविका के अनुसार शुक्रवार की दोपहर वह स्कूल से घर जा रही थी। मंडुवाडीह थाने से लगभग 500 मीटर दूर जाने पर घूंघट निकाले हुए एक महिला उसे रोकी। इसके बाद महिलाइसी बीच महिला उसके हाथ पर नुकीले औजार से वार कर सफेद रंग की कार में बैठकर तेजी से मंडुवाडीह थाने की ओर निकल गई। जीविका के पिता राजेंद्र ने बताया कि बेटी इतनी डरी हुई है कि शनिवार को स्कूल नहीं गई और रो रही है। पुलिस को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए। दिनदहाड़े सरेराह एक बच्ची को कुछ सुंघाकर अपहरण की मंशा थी। उसे कुछ सुंघाने लगी तो वह विरोध कीइसी बीच महिला उसके हाथ पर नुकीले औजार से वार कर सफेद रंग की कार में बैठकर तेजी से मंडुवाडीह थाने की ओर निकल गई। जीविका के पिता राजेंद्र ने बताया कि बेटी इतनी डरी हुई है कि शनिवार को स्कूल नहीं गई और रो रही है। पुलिस को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए। दिनदहाड़े सरेराह एक बच्ची को कुछ सुंघाकर अपहरण की मंशा थी।
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