त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में दावेदारी करने का मंसूबा पाले विभिन्न पदों के उम्मीदवारों की नजर अब आरक्षण पर टिकी हुई है। शासन से गाइड लाइन जारी किए जाने के बाद चुनाव लड़ने वाले दावेदार अब आरक्षण के संबंध में गुणा-गणित करने में जुट गए हैं। हालांकि, अभी तक जिले पर आरक्षण के संबंध में कोई आदेश नहीं आया है। इसके बावजूद गुरुवार को पंचायत चुनाव में दावेदारी करने के लिए लोग ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायत और वार्ड सदस्य के पदों के लिए आरक्षण की जानकारी करने में जुटे रहे। डीपीआरओ कार्यालय पर सुबह दस बजे के बाद लोगों के आने का क्रम शुरु हुआ तो शाम पांच बजे तक लोग आरक्षण के संबंध में अपनाई जाने वाली प्रक्रिया के संबंध में जानकारी करने में जुटे रहे। जिला पंचायत राज अधिकारी अरविंद कुमार जायसवाल का कहना है कि जब तक शासन से आरक्षण के संबंध में कोई लिखित शासनादेश नहीं मिल जाता है। तब तक कौन सी सीट किसके लिए आरक्षित होगी यह बता पाना मुश्किल है। फिलहाल एक-दो दिनों में शासन से लिखित आदेश मिल सकता है। राजगढ़ संवाद के मुताबिक गांव के नुक्कड़ की चाय की दुकानों पर बैठे दावेदार सीटों के लिए आरक्षण की अटकलें लगाने में जुटे हुए है। ग्रामीण क्षेत्रो में अभी से चुनावी हलचल व राजनीतिक गुणा गणित शुरु हो गयी है। ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायत के भावी प्रत्याशी आरक्षण को लेकर अटकलें लगाने में जुटे हुए है। पंचायत चुनाव में सीटों के आरक्षण के लिए पंचायती राज विभाग ग्राम पंचायतों में पिछड़ा, सामान्य वर्ग,अनुसूचित जाति के लोगों का आंकड़ा मंगा लिया है। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को देखते हुए मतदाता सूची पुनरीक्षण व अन्य तैयारियां अंतिम चरण में हैं। चुनाव लड़ने की दावेदारी कर रहे लोग ग्रामीणों के बीच अपनी पैठ बनाने में जुटे हुए है।

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