NCR News:किसानों की हिंसा के दौरान कई बार लगा कि उपद्रवी पीट-पीट कर मार ही डालेंगे। मौत सामने दिखाई देने लगी थी।’ यह कहते हुए घायल पुलिसकर्मियों की आंखों में आंसू छलक आए। अमर उजाला संवाददाता से बातचीत में उन्होंने कहा कि किसी तरह बच ही गए हैं। दिल्ली पुलिस के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि उन्हें ऊपर से कड़ी कार्रवाई करने के आदेश नहीं थे। पुलिसकर्मियों से भी किसी को कुछ नहीं बताने के लिए कहा गया था।वजीराबाद थानाध्यक्ष पीसी यादव ने बताया कि 26 जनवरी को वे तड़के 5 बजे ही अपनी ड्यूटी पर लाल किले पहुंच गए थे। दोपहर करीब एक बजे किसान लाल किले के अंदर घुस गए। उनके हाथों में तलवार, भाले, डंडे, लोहे की रॉड जैसे खतरनाक हथियार थे। उनके हमले में एक पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गया। वे उसे अस्पताल ले जाने लगे तो प्रदर्शनकारी सामने आ गए।पुलिसकर्मी के घायल होने के बावजूद वे नहीं रुके और फिर से धारदार हथियारों से हमला कर दिया। तलवार के हमले से उनका हेलमेट फट गया और वे वहीं बेहोश होकर गिर गए। उनका कहना था कि वे बल प्रयोग नहीं करना चाहते थे।
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