अंग्रेजी माध्यम के परिषदीय स्कूलों में तैनात शिक्षकों को अंग्रेजी में दक्ष बनाने का प्रयास किया जा रहा है। कोशिश है कि विद्यार्थियों को अंग्रेजी में विषय का ज्ञान देने के साथ ही उनसे बातचीत भी अंग्रेजी में की जाए। अध्यापकों का कौशल बढ़ाने के लिए दीक्षा एप के माध्यम से इंग्लिश स्पीकिंग कोर्स शुरू किया गया है।
31 मार्च तक पूरा कर सकते हैं प्रशिक्षण
बेसिक शिक्षाधिकारी संजय कुशवाहा ने बताया कि स्कूलों की दशा सुधारने की कवायाद चल रही है। खासकर अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में पठन पाठन के स्तर को ऊपर उठाना है। कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों को भी इस योजना में शामिल किया गया है। यहां की अंगे्रजी विषय पढ़ाने वाली शिक्षिकाओं व शिक्षकों के लिए इंग्लिश स्पीकिंग कोर्स शुरू किया जा रहा है। विभाग के सभी शिक्षक दीक्षा एप के जरिए अंग्रेजी बोलने का कौशल बढ़ा सकते हैं। इसके लिए अध्यापकों को अपना पंजीयन एप पर कराना होगा। उसके बाद बताए गए तौर तरीकों का पालन कर अंग्रेजी को सीखा जा सकता है। इससे अध्यापन का स्तर ऊंचा उठाने के साथ ही बच्चों से संवाद भी अंगेे्रजी में करने में मदद मिलेगी। विद्यालय का माहौल कन्वेंट स्कूलों की तरह बनेगा। प्रत्येक शिक्षक अपना प्रशिक्षण 31 मार्च तक पूरा कर सकते अंग्रेजी माध्यम के परिषदीय स्कूलों में तैनात शिक्षकों को अंग्रेजी में दक्ष बनाने का प्रयास किया जा रहा है। कोशिश है कि विद्यार्थियों को अंग्रेजी में विषय का ज्ञान देने के साथ ही उनसे बातचीत भी अंग्रेजी में की जाए। अध्यापकों का कौशल बढ़ाने के लिए दीक्षा एप के माध्यम से इंग्लिश स्पीकिंग कोर्स शुरू किया गया है।
31 मार्च तक पूरा कर सकते हैं प्रशिक्षण
बेसिक शिक्षाधिकारी संजय कुशवाहा ने बताया कि स्कूलों की दशा सुधारने की कवायाद चल रही है। खासकर अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में पठन पाठन के स्तर को ऊपर उठाना है। कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों को भी इस योजना में शामिल किया गया है। यहां की अंगे्रजी विषय पढ़ाने वाली शिक्षिकाओं व शिक्षकों के लिए इंग्लिश स्पीकिंग कोर्स शुरू किया जा रहा है। विभाग के सभी शिक्षक दीक्षा एप के जरिए अंग्रेजी बोलने का कौशल बढ़ा सकते हैं। इसके लिए अध्यापकों को अपना पंजीयन एप पर कराना होगा। उसके बाद बताए गए तौर तरीकों का पालन कर अंग्रेजी को सीखा जा सकता है। इससे अध्यापन का स्तर ऊंचा उठाने के साथ ही बच्चों से संवाद भी अंगेे्रजी में करने में मदद मिलेगी। विद्यालय का माहौल कन्वेंट स्कूलों की तरह बनेगा। प्रत्येक शिक्षक अपना प्रशिक्षण 31 मार्च तक पूरा कर सकते हैं। ।
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