अयोध्या 12 जनवरी । कायस्थ शिरोमणि स्वामी विवेकानंद की जयंती आज *कायस्थ सेवा समाज* के द्वारा वर्तमान कोरोना काल के कारण सोशल डिस्टैन्सिंग के साथ मनाई गई। सर्वप्रथम  अध्यक्ष विजेश श्रीवास्तव ने स्वामी विवेकानंद के चित्र पर माल्यार्पण किया, सभी ने उनको याद किया। विजेश श्रीवास्तव ने उनको याद करते हुए उनके जीवन के बारे में कहा कि स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को कलकत्ता में जो कि वर्तमान कोलकाता में हुआ था। उनका बचपन का नाम नरेन्द्रदत्त था। इनके पिता श्री विश्वनाथ दत्त कलकत्ता हाईकोर्ट के एक प्रसिद्ध वकील थे। इनकी माता श्रीमती भुवनेश्वरी देवीजी धार्मिक विचारों की महिला थीं। स्वामी विवेकानंद ने अमेरिका स्थित शिकागो में सन् 1893 में आयोजित विश्व धर्म महासभा में भारत की ओर से सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व किया था। भारत का वेदान्त अमेरिका और यूरोप के हर एक देश में स्वामी विवेकानन्द की वक्तृता के कारण ही पहुँचा। उन्होंने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की थी जो आज भी अपना काम कर रहा है। वे रामकृष्ण परमहंस के सुयोग्य शिष्य थे। उन्हें प्रमुख रूप से उनके भाषण की शुरुआत ” मेरे अमेरिकी भाइयों एवं बहनों ” के साथ करने के लिए जाना जाता है । उनके संबोधन के इस प्रथम वाक्य ने सबका दिल जीत लिया था। इस अवसर पर महामंत्री अंकुर श्रीवास्तव, कोषाध्यक्ष के०सी० श्रीवास्तव, महासचिव मनीष श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे।_-----अयोध्याब्यूरो चीफ डा०ए०के०श्रीवास्तव

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