एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला सम्पन्न
धार, 28 जनवरी 2021/ महिला एवं बाल विकास, जिला प्रशासन एवं जनपद पंचायत गंधवानी के सहयोग, एसबीआई लाईफ से एक्शन अगेंस्ट हंगर संस्था द्वारा पंचायती राज सदस्यों का पोषण अभियान में पंचायत की भूमिका पर एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन बुधवार को गंधवानी में आयोजित किया गया। जिसमें निकायों के जनप्रतिनिधियों राज्य के सरकारी विभाग सामाजिक संस्था सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्रों की भागीदारी सुनिश्चित करने मैं प्रयासरत हैं। पोषण एवं स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता एवं सतत निगरानी हेतु स्थानीय पंचायतों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसी उद्देश्य से महिला एवं बाल विकास संस्था द्वारा पोषण सरकार संकल्पना की रचना हुई है, जिसके दृष्टिकोण हैं। औपचारिक समूह ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण समिति, मात्र सहयोगिनी समिति आदि के सहकारिता से समीक्षा और प्रोत्साहन की प्रक्रिया प्रारंभ करना इकाइयों पंचायत एवं नगरी निकाय मा्तृ योगिनी समितियों को शामिल करके निगरानी और प्रभावी शिकायत निवारण तंत्र की स्थापना करना पोषण एवं स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार हेतु शौर्य दल, और किशोरी समूह, समूह स्वयं सहायता समूहों एवं अन्य अनौपचारिक समूह को शामिल करके सामुदायिक गतिशीलता का विकास करना पोषण सरकार अभिसरण विभाग जैसे कृषि, स्वास्थ्य, जल और स्वच्छता आदि का संयोजन अति गंभीर कुपोषित बच्चों का चिंतन कर उनकी सूची सभी पंचायतों से साझा करना, अन्नपूर्णा पंचायत, पोषण रसोई, पोषण मटका, बाल भवन वाटिका जैसे कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में  बहु क्षेत्रीय हस्तक्षेप के महत्व को स्थापित करता है।
इन हस्तक्षेप की जागरूकता बढ़ाने एवं गति देने हेतु आवश्यक है कि ग्राम पंचायत विकास योजना में पोषण संबंधी गतिविधियों का समावेशन किया जावे। इस अवधारणा के सफल क्रियान्वयन हेतु महिला एवं बाल विकास, जिला प्रशासन एवं जनपद पंचायत गंधवानी के सहयोग से एक्शन अगेंस्ट हंगर संस्था द्वारा पंचायती राज सदस्यों का पोषण अभियान में पंचायत की भूमिका पर एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में 42 सदस्यों की सहभागिता रही कार्यशाला में संस्था के प्रतिनिधियों द्वारा ग्राम पंचायत विकास योजना में  जोड़े जाने वाले मुद्दे जैसे समुदाय, स्वयं सहायता समूह एवं शिक्षकों को पोषण संबंधी जागरूक करने हेतु आवश्यक प्रशिक्षण दिलवाना, स्वास्थ्य सेवाएं पंचायत के निर्धारित क्षेत्र में ना हो तो स्वास्थ्य विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर सुविधाएं स्थापित करवाना, समुदाय द्वारा खाद्य सहयोग कार्यक्रम चलाना, आंगनवाड़ी पहुंचने के लिए रास्ते का निर्माण एवं सुधार, अति गंभीर कुपोषित बच्चों हेतु सामुदायिक पोषण वाटिका का निर्माण, आदर्श आंगनवाड़ी का निर्माण, परिवार जिनमें खान-पान समस्या अति गंभीर हैं उन्हें मनरेगा या अतिरिक्त आजीविका कार्यक्रमों से जोड़ना या उनका उद्यमिता विकास कर ऋण दिलाने में सहयोग देना, ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण समिति, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन एवं स्थानीय त्योहार जैसे मंच का इस्तेमाल कर समुदाय में पोषण संबंधी जागरूकता बढ़ाना एवं जन आंदोलन का रूप देने को सम्मिलित करने हेतु साझा किया।

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