मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में उ0प्र0 राज्य आपदा प्रबन्धन 
प्राधिकरण की शासी निकाय की बैठक सम्पन्न

राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण द्वारा अलग-अलग प्रकार की आपदाओं 
से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों को चिन्हित किया जाए: मुख्यमंत्री

चिन्हित क्षेत्रों के निवासियों को आपदा के समय बरती जाने वाली सावधानियों के 
प्रति जागरूक एवं बचाव के उपायों के सम्बन्ध में प्रशिक्षित भी किया जाए

बाढ़, भूकम्प, आकाशीय बिजली, वन्य जीवों आदि से बचाव के लिए बरती जाने वाली 
सावधानियों के सम्बन्ध में जागरूकता कार्यक्रम संचालित किया जाए

विद्यार्थियों को आपदा से बचाव के सम्बन्ध में जागरूक और प्रशिक्षित किया जाए

जागरूकता के लिए डिजिटल माध्यमों का प्रयोग किया जाए

बाढ़ के प्रति संवेदनशील इलाकों के नाविकों तथा गोताखोरों को प्रशिक्षित किया जाए,
 प्रशिक्षित नाविकों और गोताखोरों को निःशुल्क सेफ्टी किट प्रदान की जाए

आकाशीय बिजली से होने वाली जनहानि को न्यूनतम करने के लिए 
तकनीकी उपायों का व्यापक प्रयोग किया जाए

कोरोना काल में सभी जनपदों में स्थापित एकीकृत कमाण्ड एण्ड कण्ट्रोल सेण्टर्स 
का आपदा के सम्बन्ध में उपयोग करने की व्यवस्था बनायी जाए

भविष्य में बनने वाले एकीकृत जनपदीय कार्यालयों में 
एकीकृत कमाण्ड एण्ड कण्ट्रोल सेण्टर हेतु प्राविधान किया जाए

लखनऊ: 05 जनवरी, 2021


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण द्वारा अलग-अलग प्रकार की आपदाओं से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों को चिन्हित किया जाए। चिन्हित क्षेत्रों के निवासियों को आपदा के समय बरती जाने वाली सावधानियों के प्रति जागरूक एवं बचाव के उपायों के सम्बन्ध में प्रशिक्षित भी किया जाए।
मुख्यमंत्री जी आज यहां लोक भवन में उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण की शासी निकाय की तृतीय बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बाढ़, भूकम्प, आकाशीय बिजली, वन्य जीवों आदि आपदा से बचाव के लिए बरती जाने वाली सावधानियों के सम्बन्ध में जागरूकता कार्यक्रम संचालित किया जाए। विद्यार्थियों को भी आपदा से बचाव के सम्बन्ध में जागरूक और प्रशिक्षित किया जाए। जागरूकता के लिए डिजिटल माध्यमों का प्रयोग किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश के बाढ़ के प्रति संवेदनशील इलाकों के नाविकों तथा गोताखोरों का प्राथमिकता पर प्रशिक्षण कराया जाए। प्रशिक्षित नाविकों और गोताखोरों को निःशुल्क सेफ्टी किट भी प्रदान की जाए। सेफ्टी किट के तहत लाइफ जैकेट, पतवार, रस्सी, टार्च, प्राथमिक चिकित्सा किट आदि सम्मिलित होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बाढ़ से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों के निवासियों की जागरूकता के लिए गोष्ठियों का आयोजन किया जाए। गोष्ठियों में बाढ़ से बचने के उपायों के साथ ही, बाढ़ के समय बरती जाने वाली सावधानियों के सम्बन्ध में भी जागरूक किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आकाशीय बिजली से होने वाली जनहानि को न्यूनतम करने के लिए तकनीकी उपायों का व्यापक प्रयोग किया जाए। साथ ही, सम्बन्धित क्षेत्रों में आकाशीय बिजली की सम्भावना की पूर्व सूचना के प्रसार की व्यवस्था भी की जाए। पूर्व सूचना देकर आकाशीय बिजली से होने वाली जनहानि को नियंत्रित किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना काल में राज्य के सभी जनपदों में एकीकृत कमाण्ड एण्ड कण्ट्रोल सेण्टर स्थापित किये गये हैं। आपदा के सम्बन्ध में इन कण्ट्रोल सेण्टर्स के उपयोग की व्यवस्था बनायी जाए। उन्होंने कहा कि भविष्य में बनने वाले एकीकृत जनपदीय कार्यालयों में एकीकृत कमाण्ड एण्ड कण्ट्रोल सेण्टर हेतु प्राविधान किया जाए।
इस अवसर पर कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही, नगर विकास मंत्री श्री आशुतोष टंडन, जल शक्ति मंत्री डाॅ0 महेन्द्र सिंह, मुख्य सचिव श्री आर0के0 तिवारी, कृषि उत्पादन आयुक्त श्री आलोक सिन्हा, अपर मुख्य सचिव गृह श्री अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव राजस्व श्रीमती रेणुका कुमार, अपर मुख्य सचिव वित्त श्री संजीव मित्तल, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री श्री एस0पी0 गोयल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री संजय प्रसाद, राहत आयुक्त श्री संजय गोयल तथा राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष ले0 जनरल आर0पी0 साही सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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