पारुल रांझा, नोएडा :
जज्बा और जुनून हो तो उम्र मायने नहीं रखती। पांच वर्षीय इलिशा सिन्हा ने कुछ ऐसा ही कर दिखाया है। यह उम्र खिलौनों से खेलने की होती है, लेकिन सेक्टर-22 निवासी इलिशा ने इससे भी कम साढ़े चार साल की उम्र में कराटे सीखना शुरू कर दिया था। कराटे के प्रति जुनून ऐसा कि जब वह अपने प्रतिद्वंदी पर पंच जड़ती हैं तो लगता है कि कोई अनुभवी खिलाड़ी खेल रहा है। हाल ही में नेशनल गेम में इसका एक नमूना देखने को मिला। प्रतियोगिता में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक अपने नाम किया और छोटी सी उम्र में ही कराटे में अपना लोहा मनवाया। कोरोनाकाल में भी अभ्यास करना नहीं छोड़ा
गौतम पब्लिक स्कूल कोंडली में कक्षा दो की छात्रा इलिशा को अन्य बच्चों को कराटे सीखते देख मन में इच्छा जागृत हुई। पिता ने उनकी इच्छा को देखते हुए गौतमबुद्धनगर कराटे एसोसिएशन के सीनियर कोच व राष्ट्रीय स्तरीय रेफरी अमर चौहान से कोचिग दिलाना शुरू किया। धीरे-धीरे उनका लगाव बढ़ता गया और यह आज पसंदीदा खेल बन गया है। वह पिछले दो वर्ष से कराटे सीख रही हैं। पिता राजीव कुमार बताते हैं कि कोरोना काल में भी बेटी ने अभ्यास करना नहीं छोड़ा। रोजाना सुबह उठती है और नियमित व्यायाम करती हैं। आनलाइन कराटे क्लास भी लेती है। इसके अलावा उन्हें नृत्य का काफी शौक है। छोटी सी उम्र में जीत चुकी हैं कई पदक
राष्ट्रीय स्तरीय रेफरी अमर चौहान बताते हैं कि नन्हीं सी उम्र से खेलों में अपनी प्रतिभा दिखाकर इलिशा कई मेडल जीत चुकी हैं। हाल ही में आल इंडिया कराटे चैंपियनशिप रायल चैलेंज कप में उन्होंने हिस्सा लिया था। यह चैंपियनशिप गाजियाबाद मोदीनगर स्थित गिन्नी देवी पीजी कालेज में आयोजित की गई थी। इसमें इलिशा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक प्राप्त किया। इसके अलावा 2019 में एनसीआर इंटर स्कूल चैंपियनशिप, एसएसकेएफआइ इंविटेशनल नेशनल कराटे चैंपियनशिप, सुकाई कप-2019 और एसएसकेएफआइ स्कूल क्लब कराटे चैंपियनशिप 2020 में भी स्वर्ण पदक अपने नाम कर चुकी हैं।
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