उतरौला (बलरामपुर) गांवों की चौपाल चबूतरों से लेकर हाट बाजारों चाय की दुकानों तक पंचायत चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज होती जा रही है, संभावित प्रत्याशियों द्वारा अपने पक्ष को मजबूत करने के लिए तमाम तरह के प्रलोभनों के साथ निवर्तमान प्रधानों के कमियों को गिनाते हुए गांवों के विकास को लेकर अपने नेक इरादों का वास्ता देकर जनता जनार्दन की चरण वंदना का दौर शुरू हो चुका है।
पंचायत चुनाव की हलचल तेज होते ही प्रधान पद के संभावित प्रत्याशियों द्वारा अपनी पूरी दमखम के साथ कील कांटे दुरुस्त करने में लगे हुए हैं। वहीं एक बार प्रधानी पद का स्वाद चख चुके निवर्तमान प्रधानों ने भी अपनी साख बरकरार रखने के लिए राजनीतिक चौसर बिछानी शुरू कर दी है।
असगर अली
उतरौला
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