आगरा ||
मेरा नाम अनिल चौधरी है मैं एक पत्रकार हूं मेरे पिताजी का नाम श्री अरुण कुमार मेरा गांव का नाम बास घनश्याम मेरी पुलिस चौकी अहारन लगती है और थाना बरहन तहसील एत्मादपुर म डिस्टिक आगरा चौकी इंचार्ज का नाम लोकेश कुमार सिसोदिया थाना अध्यक्ष का नाम कुलदीप दीक्षित जी जो मेरा एनकाउंटर करने की बोला है मेरे ब्यूरो चीफ से बोले अगर तुम दोनों बरहन थाने की तरफ देखें तो में तुम दोनों का इनकाउंटर कर दूंगा
और थाना अध्यक्ष कुलदीप दीक्षित जी बोले ब्यूरो चीफ आकाश कुमार से कि तुम्हारे ऊपर इतने अवैध मुकदमे लगाऊंगा कि तुम्हारा फोटो थाने में लगा दूंगा फिर तुम्हारा इनकाउंटर कर दूंगा और कुलदीप दीक्षित जी ने बोला कि मैं क्राइम ब्रांच से आया हूं मेरे बारे में कुछ पता है या नहीं मैंने यहां आकर बहुत लोगों के एनकाउंटर किए हैं और अब तुम दोनों का ही नंबर है
पूरा मामला क्या था
अब बात यहां पर आती है थाना अध्यक्ष जी ने ऐसा क्यों बोला क्योंकि हमने चौकी इंचार्ज के खिलाफ अखबार में खबर निकाली ही हम जनता को सच्चाई दिखाना चाहते थे थाना के इंचार्ज वह चौकी इंचार्ज चाहते हैं कि हमसे मिलकर रहो हम जो बोले वह करो और तुम भी खाओ और हमको भी खिलाओ हमने यह काम नहीं किया तो थाना अध्यक्ष जीने धारा151 में चालान काट दिया
1 पत्रकार के ऊपर लगा रहे थे मुकदमा
2 जब पत्रकार फर्जी था तो उसे जेल क्यों नहीं भेजा
3 पत्रकार के ऊपर 420 ई का मुकदमा क्यों नहीं लगाया
4 पत्रकार के ऊपर 151 की धारा में चालान क्यों काटा
क्या पत्रकार के ऊपर इस तरीके क्यों धारा लगाई जाए क्या पत्रकार सच नहीं दिखा सकता क्या पत्रकार गुना हो रहा हो और उसे देखते रहे जनता को सच दिखाना गुनाह है तो हम सभी पत्रकारों को जेल में डाल दिया जाए
और सभी पत्रकारों से बोल दिया जाए कि सच मत दिखाना जनता के बीच
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