जिले में गो आधारित खेती को बढ़ावा देने के लिए हर ग्राम पंचायत में क्लस्टर बनाए जाएंगे। सेवापुरी ब्लॉक में कुछ गांवों से इसकी शुरुआत हुई थी। अब सभी ब्लॉकों में प्राकृतिक खेती पर किसानों को जागरूक किया जाएगा। ग्राम पंचायतों में किसानों का समूह बनाकर उन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा। कृषि विभाग जिले में 1250 क्लस्टर बनाएगा।

प्राकृतिक खेती के लिए किसानों को ब्रह्मास्त्र, नीमास्त्र, जीवामृत, बीजामृत आदि बनाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। सभी उत्पादों में देसी गाय का गोबर, मूत्र, गुड़, बेसन, नीम की पत्तियों व अन्य आर्गेनिक उत्पाद शामिल हैं। कृषि विभाग के वैज्ञानिकों का कहना है कि ब्रह्मास्त्र से फसलों में लगने वाले कीड़ों पर नियंत्रण किया जा सकता है। क्षेत्रीय भूमि परीक्षण प्रयोगशाला के मंडलीय अध्यक्ष रामाप्रसाद सिंह ने बताया कि प्राकृतिक खेती जीरो बजट खेती की संकल्पना पर आधारित है। किसानों को इसके लिए प्रेरित और प्रशिक्षित करने के लिए क्लस्टर बनाए जा रहे हैं।

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