जिगना (मिर्जापुर)। पुरुष प्रधान पेशे में अब महिलाएं भी दावेदारी कर रहीं हैं। जिले की वर्षा शुक्ला ने भी कड़ी मेहनत व लगन से महिला लोको पायलट बनने का लक्ष्य हासिल कर लिया है।
विकास खंड छानबे के ग्राम पंचायत सुमतिया के पाली गांव में सामान्य परिवार में जन्मी वर्षा ने वर्ष 2014 में मंगला प्रसाद इंटर कालेज बामपुर प्रयागराज से हाई स्कूल की परीक्षा प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण की। इसके बाद इंजीनियरिंग करने की इच्छा परिजनों से जाहिर की। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता माता सरस्वती देवी व पिता मनमोहन कुमार ने होनहार बेटी के हौसलों को आगे बढ़ाया। वर्षा को इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के लिए झांसी में वीरांगना झलकारी बाई महिला पॉलीटेक्निक स्कूल में दाखिला मिला। यहां से वर्ष 2018 में परीक्षा उत्तीर्ण कर 2019 में रेलवे भर्ती बोर्ड में लोको पायलट के लिए फार्म भरा। उनकी मेहनत रंग लायी और चयन हो गया। इसके बाद कानपुर में चार माह की ट्रेनिंग मिली और बृहस्पतिवार को कानपुर में ही लोको पायलट के रूप में नियुक्ति मिल गई घर से दूर भी बना रहा हौसला
घर से 600 किलोमीटर दूर झांसी में पॉलीटेक्निक कॉलेज होने के बावजूद वर्षा शुक्ला का हौसला बना रहा। वर्षा ने बताया कि उनके मन में इंजीनियर बनने की इच्छा थी। जो माता, पिता के आशीर्वाद व खुद की मेहनत से प्राप्त की। दो बहनें और एक भाई में बड़ी वर्षा शुक्ला के लोको पायलट बनने पर ग्राम प्रधान दुर्गा देवी, महेंद्र कुमार तिवारी, श्रीकांत शुक्ल व सुरेंद्र तिवारी आदि ने हर्ष व्यक्त करते हुए बधाई दी है।
विकास खंड छानबे के ग्राम पंचायत सुमतिया के पाली गांव में सामान्य परिवार में जन्मी वर्षा ने वर्ष 2014 में मंगला प्रसाद इंटर कालेज बामपुर प्रयागराज से हाई स्कूल की परीक्षा प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण की। इसके बाद इंजीनियरिंग करने की इच्छा परिजनों से जाहिर की। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता माता सरस्वती देवी व पिता मनमोहन कुमार ने होनहार बेटी के हौसलों को आगे बढ़ाया। वर्षा को इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के लिए झांसी में वीरांगना झलकारी बाई महिला पॉलीटेक्निक स्कूल में दाखिला मिला। यहां से वर्ष 2018 में परीक्षा उत्तीर्ण कर 2019 में रेलवे भर्ती बोर्ड में लोको पायलट के लिए फार्म भरा। उनकी मेहनत रंग लायी और चयन हो गया। इसके बाद कानपुर में चार माह की ट्रेनिंग मिली और बृहस्पतिवार को कानपुर में ही लोको पायलट के रूप में नियुक्ति मिल गई घर से दूर भी बना रहा हौसला
घर से 600 किलोमीटर दूर झांसी में पॉलीटेक्निक कॉलेज होने के बावजूद वर्षा शुक्ला का हौसला बना रहा। वर्षा ने बताया कि उनके मन में इंजीनियर बनने की इच्छा थी। जो माता, पिता के आशीर्वाद व खुद की मेहनत से प्राप्त की। दो बहनें और एक भाई में बड़ी वर्षा शुक्ला के लोको पायलट बनने पर ग्राम प्रधान दुर्गा देवी, महेंद्र कुमार तिवारी, श्रीकांत शुक्ल व सुरेंद्र तिवारी आदि ने हर्ष व्यक्त करते हुए बधाई दी है।
एक टिप्पणी भेजें
If you have any doubts, please let me know