विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) पुष्कर उपाध्याय ने आत्महत्या के लिए उकसाने में साहू उर्फ गुरुचरण गुप्ता को दोषी पाते हुए सात साल की सजा और एक लाख रुपये का अर्थदंड लगाया है। अर्थदंड की आधी राशि मृतक की पत्नी व नाबालिग बच्चों को देने का आदेश दिया है। अभियोजन की ओर से डीजीसी मुनीब सिंह चौहान, सर्वेंद्र सिंह व वादी के अधिवक्ता विकास यादव ने पक्ष रखा।

चौबेपुर के गौराकलां निवासी लालचंद ने चौबेपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आरोप था कि गांव के ही साहू उर्फ गुरुचरण गुप्ता का ट्रैक्टर उसके दरवाजे से चोरी हो गया था। लालचंद का बेटा दीपू राजभर ट्रैक्टर का चालक था। गुरुचरण ने दीपू राजभर के खिलाफ ट्रैक्टर चोरी करने का आरोप लगाते हुए थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर कई दिनों तक प्रताड़ित किया। पुलिस प्रताड़ना व ट्रैक्टर चोरी के झूठे आरोप से क्षुब्ध दीपू ने 29 अप्रैल 2011 को जहर खा लिया। अगले दिन उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई थी।

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