निर्देशक अली अब्बास जफर ने विवादित सीन पर माफी मांगी है। लेकिन, उसे हटाने पर कुछ नहीं कहा। इससे वेब सीरीज पर संतों का गुस्सा कायम है। वे उस पर पाबंदी की मांग पर अड़े हैं। भविष्य में ऐसी वेब सीरीज न बने सरकार से उस दिशा में कदम उठाने की मांग की है।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कड़े रुख के कारण तांडव के निर्देशक को माफी मांगनी पड़ी है। लेकिन, सिर्फ माफी से काम नहीं चलेगा। वेब सीरीज पर पाबंदी लगनी चाहिए, जिससे हमारे देवी-देवताओं व संत परंपरा को गलत स्वरूप में दिखाने वालों को सबक मिले।
महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि आजादी के बाद से साजिश के तहत देश में देवी-देवताओं, संतों व ङ्क्षहदुओं की परंपराओं का फिल्मों के जरिए उपहास उठाया जाता रहा है। अब अभिव्यक्ति की आजादी व कला के नाम पर मनमानी स्वीकार नहीं की जाएगी। अखिल भारतीय दंडी संन्यासी परिषद के संरक्षक जगदगुरु स्वामी महेशाश्रम व अध्यक्ष स्वामी ब्रह्माश्रम ने कहा कि हिंदुओं की आस्था का उपहास उड़ाने वाली अभिव्यक्ति की आजादी किसी को नहीं मिलेगी। जो हमारे आराध्य, आस्था व परंपरा का गलत स्वरूप में दिखाएगा उसे सजा भुगतनी पड़ेगी। मुसलमान व दूसरे धर्मों के आराध्यों के साथ ऐसा क्यों नहीं होता? पैगंबर का कार्टून बनाने पर पूरे विश्व में बवाल हो जाता है और देवी-देवताओं का अपमान करके हिंदुओं से शांत रहने की अपेक्षा होती है। यह दोहरी मानसिक बर्दास्त नहीं की जाएगी। महामंडलेश्वर सरयू दास ने कहा कि तांडव, आश्रम जैसी वेब सीरीज साजिश के तहत बनाई जा रही हैं। ऐसी वेब सीरीज पर रोक लगाने के लिए सरकार ठोस कानून बनाए। स्वामी रामतीर्थ दास ने कहा कि तांडव जैसी वेब सीरीज ङ्क्षहदुओं को अपमानित करने के लिए बनाई जाती हैं। देवी-देवताओं का अपमान करना अक्षम्य है। इसे किसी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाएगा।
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