एम एल के पी जी कॉलेज बलरामपुर के शिक्षाशास्त्र विभाग द्वारा शनिवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के परिप्रेक्ष्य में समकालीन शिक्षा व्यवस्था का रूपांतरण विषय पर वेबिनार का आयोजन किया गया। 
वेबिनार में वक्ताओं ने नीति के वैचारिक पृष्ठभूमि पर चर्चा करते हुए बालकों में कौशल विकास पर जोर दिया।
       वेबिनार में सर्वप्रथम मुख्य वक्ता एन सी टी ई नई दिल्ली के सदस्य एवं पूर्व डीन शिक्षा संकाय प्रो0 उमेश चन्द्र वशिष्ठ, महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय बिहार के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ मुकेश कुमार सिंह, संरक्षक व प्रबंध समिति के सचिव लेफ्टिनेंट कर्नल आर के मोहन्ता, संयुक्त सचिव बी के सिंह,अध्यक्ष व प्राचार्य डॉ आर के सिंह का स्वागत करते हुए वेबिनार के संयोजक डॉ जे पी पांडेय  ने प्रो0 वशिष्ठ का परिचय दिया। व्याख्यान में प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए प्रो 0 वशिष्ठ ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के वैचारिक प्रष्ठभूमि पर चर्चा करते हुए बालकों के आयु के अनुसार उनकी क्षमता विकास पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति की सार्थकता सिद्ध करने का दायित्व अध्यापकों पर निर्भर है इसलिए इसमें अध्यापकों की भूमिका महत्वपूर्ण है। अध्यापक शिक्षा प्रणाली में मूल्य व नैतिक शिक्षा की प्राथमिकता देने पर बल दिया। बिहार के डॉ मुकेश सिंह ने शिक्षा क्रांति का विस्तृत वर्णन करते हुए समकालीन शिक्षा व्यवस्था के रूपांतरण पर चर्चा की। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020में दूरस्थ शिक्षा की प्रासंगिकता व महत्ता पर भी प्रकाश डाला। आयोजन सचिव विभागाध्यक्ष डॉ दिनेश कुमार मौर्य  व सीमा श्रीवास्तव ने धन्यवाद ज्ञापन किया। 
शिक्षाशास्त्र विभाग के अस्सिटेंट प्रोफेसर डॉ देवेन्द्र कुमार चौहान ने कार्यक्रम का सफल संचालन करते हुए अन्य महाविद्यालय व विश्वविद्यालय से जुड़े लगभग 250 प्रतिभागियों के प्रति आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में विभाग के शिक्षक श्रीनारायण सिंह व आनंद प्रताप त्रिपाठी का सराहनीय योगदान रहा।

आनन्द मिश्र
 बलरामपुर 

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