परमहंस योगानन्द के शिक्षा दर्शन पर पतंजलि ऋषिकुल की ओर से ऑनलाइन प्रस्तुति की गई। प्रधानाचार्य नित्यानन्द सिंह ने कहा कि ‘योगानन्द का शिक्षा दर्शन जीवन के समग्र विकास की ओर उन्मुख करता है। योगानन्द के साथ उनके समकालीन ‘गुरुदेव रवीन्द्र नाथ टैगोर एवं महात्मा गांधी की मुलाकात तथा संवाद पर आधारित एक नाटक प्रस्तुत किया गया। परमहंस योगानन्द के अनुसार शिक्षक को एक मित्र, दार्शनिक एवं मार्गदर्शक के रूप में होने की जरूरत है। अंत में विद्यालय की उपाध्यक्ष डॉ. कृष्णा गुप्ता ने कहा कि ‘शिक्षा का परम उद्देश्य दिव्य ज्ञान को प्राप्त करना एवं जीवन मूल्यों को आत्मसात करना है। प्रबन्धन समिति के गणमान्य सदस्य रवीन्द्र गुप्ता, रेखा वैद गुप्ता, यशोवर्धन, प्रधानाचार्या सुष्मिता कानूनगो, अल्पना डे, विभा श्रीवास्तव आदि रहे।


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