प्रयागराज में सोरांव तहसील से गायब राजस्व अभिलेख और फर्जी कागजात के जरिए जमीन का बैनामा करने के मामले में पुलिस के हाथ नई जानकारी मिली है। पता चला है कि कुछ भू-माफिया ने खतौनी की डुप्लीकेट तैयार करके उसके जरिए सरकारी जमीन पर भी कब्जा कर लिए। इतना हीं नहीं, नक्शे के जरिए भी धोखाधड़ी की जाती थी फिर लोगों से कागजात उपलब्ध कराने के नाम पर पैसा लिया जाता था। अब सोरांव पुलिस इस मामले की गहराई से छानबीन कर रही है। 

फरार आरोपितों की तलाश में पुलिस की छापेमारी जारी

उधर, मामले में फरार चल रहे मऊआइमा नगर पंचायत के पूर्व चेयरमैन समेत कई अन्य की तलाश में छापेमारी हो रही है। सीओ साेरांव ने सोमवार रात भी तीन थाने की पुलिस लेकर मऊआइमा, नवाबगंज समेत अन्य ठिकानों पर दबिश दी, लेकिन वह गिरफ्त में नहीं आया। पुलिस बरामद अभिलेखों के आधार पर पूरे मामले की जांच कर रही है। 

मऊआइमा के पूरामियां मोहल्ला निवासी रामशिरोमणि की तहरीर पर सोरांव थाने में शाेएब अंसारी, लेखपाल अशफाक, रिटायर्ड लेखपाल विनोद श्रीवास्तव व जमालुर्रशीद उर्फ काजू, उसके बेटे मो. कैफ और संजय कुशवाहा, तुषार कुशवाहा के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई है। पुलिस ने इस मामले में नामजद पांच आरोपितों को पकड़ लिया और उनसे पूछताछ कर रही है। मगर पूर्व चेयरमैन समेत दो अभियुक्त अभी फरार हैं। पीड़ित ने आरोप लगाया है कि मऊआइमा कस्बे का काफी समय का राजस्व अभिलेख गायब है। इससे तमाम लोगों की जमीन पर भूमाफिया काजू, उनका बेटा मो. कैफ, लेखपाल अशफाक व पूर्व चेयरमैन शोएब समेत अन्य लोग आपस में सांठगांठ करके जमीन पर कब्जा कर रहे हैं

एसपी गंगापार धवल जायसवाल का कहना है कि अभी तक की तफ्तीश में पता चला है कि गायब राजस्व अभिलेख का डुप्लीकेट तैयार कर फर्जीवाड़ा किया जाता था। फरार अभियुक्तों की गिरफ्तारी होने पर कुछ और साक्ष्य मिल सकते हैं।


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