अम्बेडकरनगर -जिले मे फातिमा जहरा दुनिया की तमाम ख्वातीन के लिए एक रोशनी के मीनार की हैसियत रखती हैं ।यह कथन मशहूर आलिमेदीन मौलाना सैय्यद असगर मेहंदी जाफरी (जौन) ने नगर के लोरपुर ताज़न के मोहल्ला हुसैनाबाद में इमामबारगाह हुसैनिया ज़हरा में मजलिस को संबोधित करते हुए व्यक्त किया।आपको बता दें कि इस्लाम धर्म के संस्थापक मोहम्मद साहब की इकलौती बेटी हज़रत फातिमा ज़हरा की शहादत पर मोमिनीने लोरपुर की तरफ से शुक्रवार की रात्रि अय्यामे अज़ाए फातमियॉ की आयोजित चौथे दिन की चौथी मजलिस को संबोधित करते हुए ।मौलाना सैय्यद असगर मेहंदी जाफरी (जौन) ने कहा कि फातिमा ज़हरा ने बेटी की हैसियत से अपने बाप हजरत मोहम्मद साहब और अपने शौहर हजरत अली की मिसाली खिदमत की और अपनी आगोश से ऐसे मिसाली बच्चे हसन और हुसैन को परवान चढ़ाया फातिमा जहरा की जिंदगी ऐसा सबक है कि जो भी औरतें इनके बताएं हिदायत के रास्ते पर चलेंगी वह कभी गुमराह नहीं होंगी। वही मौलाना ने फातिमा ज़हरा के किरदार को अपनाकर अपनी जिंदगी गुजारने के लिए ताकीद किया अंत में उन्होने फातिमा ज़हरा की शहादत के मसाएब बयान किए ।और चारों तरफ फिजा में सिर्फ रोने की आवाजें ही बुलंद थी मजलिस के पूर्व सोज़ख्वानी नइयर हुसैन खॉ व उनके हमनवा ने किया जबकि पेशख्वानी शजर रिजवी निज़ाम अब्बास जमील अब्बास मोहम्मद हैदर (मोनू) व सैफ अली ने किया मजलिस के बाद अंजुमन जाफरिया रजिस्टर्ड पेवाड़ा लोरपुर ने नौहा मातम पेश किया।
फातिमा जहरा की शहादत पर लोरपुर ताजन में मजलिस का हुआ आयोजन
विकाश कुमार निषाद हिंदी संवाद ब्यूरो चीफ अम्बेडकर नगर
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