पुण्य की नगरी में तमाम धार्मिक संस्थाओं में अन्न क्षेत्र (भंडारा और लंगर) का संचालन हो रहा है। बहुत सी संस्थाओं में नाश्ता और भोजन बनाने के लिए किराए पर कारीगर रखे गए हैं। लेकिन, कुछ धार्मिक संस्थाएं ऐसी भी हैं, जहां दूसरे राज्यों और शहरों के जज, अफसर, डॉक्टर, इंजीनियर, अधिवक्ता, आर्टिस्ट एवं अन्य प्रोफेशनल्स आकर नाश्ता, भोजन बनाने, परोसने से लेकर बर्तन धुलने तक सारा काम स्वयं संभाल रहे हैं। यह सभी घर-परिवार की मोह-माया से बहुत दूर यहां संत-महात्माओं, गरीबों और दुखियारों की सेवा कर रहे हैं। यह भी खास बात है कि उन्हें यह आत्मीय सुकून और राहत देता है इसिलए वह हर साल माघ मेला आने को बेकरार रहते हैं।
घर-परिवार की मोह-माया छोड़ तमाम नौकरी पेशा लोग पुण्य कमा रहे मेले में
माघ मेला क्षेत्र के सेक्टर दो में ओम वाहिगुरु ऋषि आश्रम का शिविर लगा है। इस शिविर में संत श्री हरवंश साहिब जी के सानिध्य में प्रतिदिन भंडारा हो रहा है। शिविर में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को सुबह-शाम नाश्ता, दोपहर और रात में भोजन दिया जाता है। इसके लिए लंबी लाइनें लगती हैं। हालांकि, इस शिविर में खास बात यह है कि संत श्री हरवंश साहिब जी के शिष्य ही भंडारे की पूरी बागडोर संभालते हैं। इनके शिष्यों में जज, अधिकारी, डॉक्टर, इंजीनियर समेत अन्य प्रोफेशनल्स शामिल हैं। सब्जी काटने, दाल-चावल बीनने, आटा गूथने से लेकर किचेन में खाना बनाने तक का काम खुद करते हैं। शिष्य शिफ्टवार अपनी जिम्मेदारियां संभालते हैं। शिष्य सामान्य रोटी के अलावा तंदूरी रोटी भी तैयार करते हैं। संस्था का मुख्य आश्रम त्रयंबकेश्वर (नासिक) और इंदिरापुरम (गाजियाबाद) में है।
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