आजादी के नायक लाला लाजपत राय हमारे आदर्श।--- डॉ रवि शास्त्री‌
 
राष्ट्र धर्म सर्वोत्तम कार्य

 आर्य समाज अंगदपुर में आर्यों के द्वारा महान क्रांतिकारी लाला लाजपत राय का जन्म दिवस यज्ञ के द्वारा मनाया गया।
आर्य वीर दल पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मंत्री रवि शास्त्री ने महान क्रांतिकारी पंजाब केसरी लाला लाजपत राय की जयंती के अवसर पर कहा लाला लाजपत राय का जीवन हमारी युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्रोत है। उन्हें शेरे पंजाब के नाम से भी जाना जाता था ।लाला लाजपत राय का जन्म 28 जनवरी अट्ठारह सौ पैसठ गांव ढुड़ी जिला मोगा पंजाब प्रांत में हुआ था ।लाला लाजपत राय बचपन से ही क्रांतिकारी संस्कारों से ओतप्रोत थे। आर्य समाज के संपर्क में आकर उन्होंने देश की आजादी का बिगुल बजा दिया। उन्होंने कहा स्वामी दयानंद सरस्वती मेरे गुरु हैं। उन्होंने हमें स्वतंत्रता पूर्वक विचारना ,बोलना और कर्तव्य पालन करना सिखाया है। लाला लाजपत राय ने सबसे पहले पंजाब नेशनल बैंक की स्थापना की। हिंदुस्तान में अनाथालयो की स्थापना सबसे पहले लाला लाजपत राय ने की ।उन्होंने सन 1924 में निराश्रित बच्चों के लिए मेरठ में कुमार आश्रम की स्थापना की। वे उस समय मजदूरों के संगठन ऐटक के संस्थापक थे। उत्तर भारतीयों में सबसे पहले उन्होंने ही छत्रपति शिवाजी की जीवनी लिखी। शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए डीएवी संस्थाओं का सहयोग एवं व्यापक प्रसार किया। क्रांतिकारी विचारधारा भारतीय जनमानस में फैलाने के लिए अखबार निकाले, स्वदेशी की वकालत की। जिसे आज की सरकारे मेक इन इंडिया    के नाम से बोल रही है और उन्होंने ही सबसे पहले पूर्ण स्वतंत्रता की मांग रखी। अंग्रेजी शासन के विरुद्ध लाहौर में 30 अक्टूबर 1928 को साइमन कमीशन के विरुद्ध एक बड़ा प्रदर्शन किया। जिसमें उन्हें लाठी से पीटा गया ।उसी दिन शाम को उन्होंने घोषणा की उनके शरीर पर पड़ी एक-एक लाठी ब्रिटिश साम्राज्य के ताबूत में आखिरी कील साबित होगी। 17 नवंबर 1928 को उनका निधन हो गया। लाला लाजपत राय की मृत्यु का बदला लेने के लिए चंद्रशेखर आजाद शहीद भगत सिंह राजगुरु सुखदेव आदि ने 17 दिसंबर 1928 को अंग्रेज अफसर सांडर्स का वध कर दिया। इस प्रकार क्रांतिकारियों का प्रेरणा स्रोत भी लाला लाजपत राय की घटना को माना जाता है। लाला लाजपत राय ने कहा था। सब एक हो जाओ, अपना कर्तव्य जानो। अपने धर्म को पहचानो, तुम्हारा सबसे बड़ा धर्म तुम्हारा राष्ट्र है। युवा पीढ़ी क्रांतिकारियों की विचारधारा को आत्मसात कर हिंदुस्तान को प्रगति के शिखर की ओर लेकर चलें यही संकल्प हम सबको करना चाहिए। यही सबसे बड़ी राष्ट्र की सेवा होगी।
 इस अवसर पर यजमान यशवीर श्योराण, पूर्व प्रधानाचार्य रामपाल सिंह ,पूर्व कमिश्नर चौधरी बेगराज सिंह ,चौधरी जयपाल सिंह, रामप्रकाश, योगेंद्र सिंह ,ऋषि पाल, गजेंद्र सिंह, यतेंद्र सिंह, प्रेम सिंह आदि का सहयोग रहा। 
उमेश चन्द्र तिवारी 
हिन्दी संवाद न्यूज़ 
उ प्र 

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