NCR News:श्मशान घाटों में अब दाह संस्कार में लकड़ियों की जगह गाय के गोबर से बने लट्ठों का इस्तेमाल किया जाएगा। यह प्रस्ताव दक्षिणी दिल्ली नगर निगम हुई सदन की बैठक में प्रस्ताव पारित कर दिया गया है। महापौर अनामिका ने बताया कि श्मशान घाट में दाह संस्कार के लिए लकड़ियों के साथ-साथ उपलों की भी व्यवस्था है।लेकिन आकार में छोटा होने के कारण इनका इस्तेमाल कम ही किया जाता है। चिंता को जलाने के लिए एक क्विंटल से अधिक लकड़ी लग जाती है। इससे पर्यावरण को भी नुकसान होता है। लकड़ी से अंतिम संस्कार करने में लगभग पांच से छह घंटे का समय लगता है, जबकि गाय के गोबर के उपलों से महज तीन घंटे का। उन्होंंने कहा कि एक व्यक्ति अपने जीवन से लेकर मृत्यु तक 20 पेड़ों का इस्तेमाल कर लेता है।वहीं मृत्यु के बाद भी चिता जलाने के लिए अधिक लकड़ियों की आवश्यकता होती है। इसे देखते हुए हमने श्मशान घाट में गाय के गोबर से बने लकड़ी के रूप में बड़े लट्ठों की व्यवस्था करने का प्रस्ताव पास किया गया है।

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