ज्ञात हो कि बीते गुरुवार को चीफ प्रॉक्टर प्रो. हर्ष कुमार और डीएसडब्ल्यू प्रो. केपी सिंह के अलावा सभी हॉस्टलों के वार्डेन और अधीक्षकों के साथ कुलपति प्रो.संगीता श्रीवास्तव ने बैठक की थी। बैठक में यह मसला उठा कि जब हॉस्टल बंद हैं तो अंत:वासियों को प्रवेश कैसे मिल रहा है। रजिस्ट्रार ने नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि बिना अनुमति हॉस्टलों में प्रवेश करने वालों से पांच गुना जुर्माना वसूला जाएगा। यह जुर्माना एक नवंबर से प्रभावी माना जाएगा। यदि कोरोना वायरस संक्रमण फैलता है तो हॉस्टल के वार्डेन और अधीक्षक को देखभाल करना होगा। इस फैसले से छात्रों में काफी नाराजगी है। पीआरओ डॉ. जया कपूर ने बताया कि कोरोना काल में बिना अनुमति के हॉस्टल में रहने वाले छात्रों से पांच गुना जुर्माना वसूल किया जाएगा। यह नवंबर से प्रभावी रहेगा। क्योंकि डीएसडब्ल्यू ने बताया था कि नवंबर में हॉस्टलों की छात्रों संख्या बढ़ने लगी थी।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हॉस्टलों में रहने वाले छात्रों से पांच गुना जुर्माना वसूला जाएगा। इसके लिए कुलपति के निर्देश पर रजिस्ट्रार प्रो. एनके शुक्ल ने नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। यह आदेश नवंबर माह से प्रभावी होगा। एक माह के हॉस्टल शुल्क के पांच गुना वसूला जाएगा। इसके साथ ही यह आदेश किया गया है कि यदि कोरोना वायरस संक्रमण फैलता है तो हॉस्टल के वार्डेन और अधीक्षक को देखभाल करनी होगी। इस संबंध में हॉस्टलों में नोटिस चस्पा कर दिया गया है। वहीं, इविवि प्रशासन के इस फैसले से छात्र-छात्राओं में काफी नाराजगी है।
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