लखनऊ || अब पुलिस फर्जी पत्रकारों की करेगी गहनता से जांच जनप्रतिनिधियों की लगातार शिकायतों पर लिया गया संज्ञान । पत्रकारिता को बदनाम करने  व पत्रकारिता की आड़ में धंधा चलाने वालों एवं आपराधिक गतिविधियो पर पर्दा डालने वाले फर्जी पत्रकारों पर पैनी नजर रखने का निर्देश दिया गया है। प्रेस लिखी गाड़ियों और बाइक सवार के प्रेस का परिचय पत्र की भी जांच की जायेगी 
 जांच में फर्जी पाए जाने पर गाड़ी को सीज किया जाएगा। फर्जी प्रेस कार्ड लेकर घूमने वाले कथित पत्रकारों  को जेल भेज दिया जाएगा। इन दिनों फर्जी पत्रकार बनने और बनाने का गोरखधंधा तेजी से बढ़ता जा रहा है। इन दिनों ज्यादा मात्रा में सड़कों पर चार पहिये वाहन और बाइक पर प्रेस लिखा दिख रहा है। पुलिस ऐसी गाड़ियों की जांच करते हुए बिना कागजात वाली गाड़ियो को सीज करेगी। फर्जी आई डी व प्रेस कार्ड के आधार पर मुकदमा दर्ज करेगी। फर्जी पत्रकार अपनी गाड़ियों में बड़ा-बड़ा प्रेस का मोनोग्राम तो लगाते ही हैं, साथ ही फर्जी आईडी कार्ड बनवाकर घूमते रहते हैं। लगातार बढ़ती फर्जी पत्रकारों की फ़ौज से जहाँ पुलिस तो परेशान रहती हैं वहीँ, सत्ताधारी, व गैर सत्ताधारी ,तथा ग्राम पंचायतों के प्रधान भी इन से आजिज आ चुके हैं, जानकारों का कहना है कि कुछ तो ऐसे भी हैं जो केवल व्हाट्सएप ग्रुप चलाते ,हैं वहीँ ऐसे भी है जिनके पास, किसी भी अख़बार या मैग्जीन, का परिचय पत्र भी नहीँ हैं ।  पूछे जाने पर अपने को मीडिया वाला बता देते है, लॉकडाउन,काल में ऐसे कथाकथित, पत्रकारिता, से जुड़ने वाले को जेल भेजा गया था,एक आला अधिकारी से जब इस बाबत पूछा गया तो वह बोले कि, यदि जांच में, फर्जी पाया गया तो, उस के विरुद्ध मुकदमा, संगीन अपराध की धाराओं में होगा।एक बड़े नेता से राय मांगी गई तो उस ने, तो यहां तक कह डाला कि भाई, बुरा मत मानना, कुछ तो ऐसे पत्रकार हैं,जिन पे, ठीक तरह से लिखना भी नहीं आता।अब जो व्यक्ति पुलिस से बचने के लिए अपने वाहनों पर प्रेस लिखवा लेते हैं उनकी खैर नहीँ,हैं, वहीं जो पत्रकारिता के नाम पर अपना काला धंधा चला रहें हैं उनके लिए यह बुरी खबर है।ख़ुफ़िया विभाग व पुलिस ऐसे लोगो को सबक सिखाने के मूड़ मैं है।

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