भारत भारती परिषद की ओर से गोसाईं विट्ठलनाथ प्रादुर्भाव महोत्सव के उपलक्ष्य में आसभैरव स्थित अग्रवाल भवन में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन सोमवार को भगवान श्रीकृष्ण के जन्म एवं नंदमहोत्सव की धूम रही। व्यासपीठ से बसंत शात्री ने कहा कि वेदों में जिस भगवान को आनंद स्वरूप बताया गया है। वह भगवान पुष्टिमार्ग में परम आराध्य व परमतत्व हैं। भगवान श्रीकृष्ण ही कलयुग में गोसाईं विट्ठलनाथ गोसाई जी के रूप में चरणाट धाम, चुनार में प्रकट हुए।

आयोजन की अध्यक्षता कर रहे षष्ठपीठाधीश्वर गोस्वामी श्याम मनोहर महाराज ने कहा कि गुसाईं जी का प्राकट्य उत्सव चरणाट धाम में आठ जनवरी को मनाया जाएगा। 

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